Gen-Z विद्रोह नेपाल: भ्रष्टाचार और अस्थिरता के खिलाफ युवा क्रांति, भविष्य की चुनौतियां
राजतंत्र से गणराज्य तक नेपाल का सफर (2006–2008)
समृद्ध डेस्क: नेपाल में सितंबर 2025 में हुए Gen-z विद्रोह ने एक बार फिर से इस हिमालयी राष्ट्र की गहरी राजनीतिक और भ्रष्टाचार की समस्याओं को उजागर किया है। प्रधानमंत्री के.पी. शर्मा ओली के इस्तीफे के साथ, नेपाल फिर से राजनीतिक अनिश्चितता के दौर में प्रवेश कर गया है।
राजतंत्र से गणराज्य तक का सफर (2006-2008)

2008 में गणराज्य की स्थापना: दो साल बाद 2008 में नेपाल में 240 साल पुराने राजतंत्र का अंत हो गया और देश एक संघीय लोकतांत्रिक गणराज्य बन गया। राजा ज्ञानेंद्र को एक सामान्य नागरिक के रूप में काठमांडू में रहने को मजबूर होना पड़ा।
सरकारी अस्थिरता का दौर (2008-2025)
14 सरकारों का पतन: 2008 से अब तक नेपाल में 14 अलग-अलग सरकारें आईं, लेकिन एक भी सरकार अपना पूरा पांच साल का कार्यकाल पूरा नहीं कर सकी। यह राजनीतिक अस्थिरता देश की प्रमुख समस्या बनी रही।
प्रमुख राजनीतिक दल: नेपाली कांग्रेस, कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ नेपाल (यूएमएल), और माओवादी सेंटर के बीच सत्ता का चक्र चलता रहा। इन तीन दलों के 8 नेताओं के बीच 14 बार प्रधानमंत्री पद का हस्तांतरण हुआ।
भ्रष्टाचार के घोटाले (2020-2025)
भूटानी शरणार्थी घोटाला (2023)
2 मिलियन डॉलर का धोखा: इस घोटाले में भ्रष्ट अधिकारियों ने नेपाली नागरिकों से बड़ी मात्रा में पैसे लेकर उन्हें फर्जी भूटानी शरणार्थी दस्तावेज़ देने का वादा किया था। 875 से अधिक नेपाली इस घोटाले के शिकार बने।
हाई-प्रोफाइल गिरफ्तारियां: पूर्व उप प्रधानमंत्री टॉप बहादुर रायमाझी और पूर्व गृहमंत्री बाल कृष्ण खांड सहित 30 लोगों पर मुकदमा चलाया गया।
ललिता निवास भूमि हड़प घोटाला
सरकारी जमीन का निजीकरण: प्रधानमंत्री निवास के आसपास की सरकारी जमीन को अवैध रूप से निजी व्यक्तियों के नाम कर दिया गया। 300 रोपनी (37 एकड़) से अधिक जमीन इस घोटाले में शामिल थी।
पूर्व प्रधानमंत्रियों की भागीदारी: माधव कुमार नेपाल और बाबूराम भट्टराई दोनों पूर्व प्रधानमंत्रियों से इस केस में पूछताछ की गई।
सोना तस्करी के मामले
3,800 किलो सोने की तस्करी: चुड़ामणि उप्रेती उर्फ गोरे के नेतृत्व में एक गिरोह ने 2015 से 2018 के बीच बड़े पैमाने पर सोने की तस्करी की। हाल ही में यह मुख्य आरोपी जेन जेड प्रदर्शन के दौरान जेल से फरार हो गया।
60 किलो सोना पकड़ा गया: 2023 में मोटरसाइकिल के ब्रेक पैड में छुपाकर 60 किलो सोना तस्करी का मामला सामने आया।
हालिया Gen-z विद्रोह
प्रदर्शन की शुरुआत
सोशल मीडिया बैन: सरकार ने 26 लोकप्रिय सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर प्रतिबंध लगाया, जिसमें फेसबुक, इंस्टाग्राम, व्हाट्सऐप, और यूट्यूब शामिल थे। यह युवाओं के गुस्से का कारण बना।
"नेपो किड्स" ट्रेंड: राजनेताओं के बच्चों की शानदार जीवनशैली का खुलासा करने वाले सोशल मीडिया ट्रेंड ने आंदोलन को और तेज़ कर दिया।
हिंसक झड़पें और मौतें
30 से अधिक मौतें: 8-10 सितंबर के बीच हुई हिंसा में 30 से अधिक लोगों की मौत हुई और 1,000 से अधिक घायल हुए। पुलिस ने प्रदर्शनकारियों पर गोली चलाई और आंसू गैस का इस्तेमाल किया।
संसद भवन में आग: प्रदर्शनकारियों ने संसद भवन, सुप्रीम कोर्ट, और कई राजनेताओं के घरों में आग लगा दी। प्रधानमंत्री ओली का निजी निवास भी जलाया गया।
सैन्य हस्तक्षेप और कर्फ्यू
सेना का नियंत्रण: हिंसा रोकने के लिए नेपाली सेना ने काठमांडू समेत पूरे देश में कर्फ्यू लगाया। सैनिकों ने सड़कों पर गश्त शुरू की।
13,000 कैदियों की रिहाई: प्रदर्शन के दौरान देश भर की जेलों से लगभग 13,000 कैदी भाग गए, जिनमें सोना तस्करी के मुख्य आरोपी गोरे भी शामिल थे।
प्रधानमंत्री ओली का इस्तीफा
चौथी बार PM बने ओली: के.पी. शर्मा ओली जुलाई 2024 में चौथी बार प्रधानमंत्री बने थे। उन्होंने पहले 2015, 2018, और 2021 में भी यह पद संभाला था।
इस्तीफे की घोषणा: 10 सितंबर 2025 को ओली ने राष्ट्रपति राम चंद्र पौडेल को अपना इस्तीफा सौंपा। उन्होंने कहा कि "देश की असाधारण स्थिति" के कारण वे यह कदम उठा रहे हैं।
भविष्य की चुनौतियां
अंतरिम सरकार की तलाश
पूर्व मुख्य न्यायाधीश सुशीला कार्की: जेन जेड प्रदर्शनकारी पूर्व मुख्य न्यायाधीश सुशीला कार्की को अंतरिम प्रधानमंत्री बनाने की मांग कर रहे हैं।
सेना के साथ बातचीत: सेना और प्रदर्शनकारी नेताओं के बीच अंतरिम सरकार के गठन पर बातचीत जारी है।
दीर्घकालिक समस्याएं
बेरोजगारी और भ्रष्टाचार: युवाओं में बेरोजगारी की दर 28% है, और रेमिटेंस देश की GDP का 33% है। ट्रांसपैरेंसी इंटरनेशनल के अनुसार, नेपाल भ्रष्टाचार सूचकांक में 180 देशों में 110वें स्थान पर है।
राजनीतिक स्थिरता की कमी: 1990 में बहुदलीय लोकतंत्र की बहाली के बाद से नेपाल में 30 सरकारें आ चुकी हैं, जो इसकी राजनीतिक अस्थिरता को दर्शाता है।
नेपाल का वर्तमान संकट केवल एक राजनीतिक समस्या नहीं है, बल्कि यह गहरी संरचनात्मक समस्याओं - भ्रष्टाचार, गरीबी, बेरोजगारी, और राजनीतिक अस्थिरता का परिणाम है। जेन जेड की यह क्रांति नेपाली समाज में बदलाव की लहर का संकेत हो सकती है, लेकिन स्थायी समाधान के लिए मजबूत संस्थानों और पारदर्शी शासन व्यवस्था की आवश्यकता होगी।
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