कोयला मंत्रालय ने कोल गैसिफिकेशन के लिए बढाया कदम, 2040 तक कोयला ऊर्जा पर 50% निर्भरता का लक्ष्य
मुंबई : कोयला मंत्रालय ने शुक्रवार (छह मई 2022) को आधिकारिक रूप से कोल गैसिफिकेशन की दिशा में आगे बढने का ऐलान किया। कोयला मंत्री प्रह्लाद जोशी ने मुंबई में आयोजित एक कार्यक्रम में कहा कि 2040 तक देश की ऊर्जा मांग मौजूदा मांग से दो गुणी होगी। उन्होंने कहा कि उस समय तक हम अपनी ऊर्जा जरूरतों का आधा कोयला तक सीमित कर लेंगे और आधा अन्य स्रोतों से पूरा होगा। कोयला मंत्री ने इसके साथ ही कोल गैसिफिकेशन की चार परियोजनाओं का ऐलान किया। कोयला मंत्री ने ये बातें कोयला क्षेत्र के लिए प्रौद्योगिकी रोडमैप जारी करते हुए ये कहीं।

Addressing session on ‘Coal Gasification: Way Forward’. Will be touching upon Govt initiatives and the future roadmap. Do watch: https://t.co/QZImzuflN8
— Pralhad Joshi (@JoshiPralhad) May 6, 2022
उन्होंने कहा कि शून्य उत्सर्जन के लिए क्लीन कोल टेक्नोलॉजी के बारे में हमारी सोच व रिसर्च रहना चाहिए। इसलिए जहां कॉमर्सियल कोल माइनिंग है, वहां कोल गैसिफिकेशन के बारे में पहल की है। उन्होंने कहा कि कोल गैसिफिकेशन के चार प्रोजेक्ट की घोषणा हमने की है। हम कोशिश कर रहे हैं तीन प्रोजेक्ट के लिए टेंडर हो और इसके लिए हम वित्त मंत्रालय से संपर्क कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि हमें इसमें सक्सेस स्टोरी खड़ा करना है।
उन्होंने अधिकारियों व विशेषज्ञों से आग्रह किया अगर वे कोयला से हाइड्रोजन में रूपांतरण कर सकें तो इसमें बाकी चीजें अपने आप आ जाएंगी। उन्होंने अधिकारियों व विशेषज्ञों से कहा कि कहा कि इसके लिए सरकार आपके साथ है।
कोयला मंत्रालय ने कार्यक्रम के एक सत्र को संबोधित करते हुए कहा कि बंद कोयला खदानों से निकालने योग्य भंडार 380 मिलियन टन है। इन खदानों से 30 से 40 मिलियन टन कोयला आसानी से निकाला जा सकता है। उन्होंने कहा कि खनन गतिविधियों को जारी रखने से कोयला आपूर्ति बढाने में मदद मिलेगी। इससे स्थानीय लोगों को रोजगार का अवसर मिलेगा।
कोयला राज्य मंत्री रावसाहेब पाटिल दानवे ने कहा कि भारत के पास दुनिया का पांचवां बड़ा कोयला भंडार है। सरकार का घेरलू उत्पादन लक्ष्य 2023-24 तक 1.2 अरब मीट्रिक टन बढाने का है।
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