रांची में बाबा साहेब अंबेडकर की 69वीं पुण्यतिथि पर श्रद्धांजलि सभा, सामाजिक न्याय और समानता की लड़ाई को मजबूत करने का संकल्प
रांची डोरंडा में अंबेडकर की पुण्यतिथि पर जुटे लोग, सामाजिक न्याय पर चर्चा
रांची के आम्बेडकर चौक पर डॉ. भीमराव अंबेडकर की 69वीं पुण्यतिथि पर श्रद्धांजलि सभा आयोजित हुई, जिसमें सामाजिक न्याय, समानता और संवैधानिक अधिकारों को मजबूत करने का संकल्प लिया गया।
रांची : आंबेडकर सिर्फ एक व्यक्ति नहीं, बल्कि सामाजिक न्याय, समानता और मानवाधिकारों के सबसे मजबूत स्तंभ हैं। बाबा साहेब के सपना तभी पूरा होगे , जब समाज के सबसे अंतिम व्यक्ति तक उनके अधिकार, सम्मान और अवसर पहुँचेंगे। विजय शंकर नायक महामानव, भारत रत्न बाबा साहब डॉ. भीमराव अंबेडकर की 69वीं पुण्यतिथि पर आज रांची के डोरंडा स्थित आम्बेडकर चौक पर श्रद्धांजलि सभा का आयोजन किया गया।

उन्होंने मांग की कि सरकार और प्रशासन बाबा साहेब के सिद्धांतों पर चलते हुए— शिक्षा, रोजगार और सामाजिक सुरक्षा को अधिकार के रूप में लागू करे भूमि, वन और जल-जंगल-जमीन पर आदिवासियों के अधिकारों को सख्ती से लागू करे जातीय भेदभाव की हर घटना पर त्वरित कार्रवाई सुनिश्चित करे संविधान में प्रदत्त समानता और न्याय के सिद्धांतों को शासन-व्यवस्था का आधार बनाए। नायक ने आगे कहा की “बाबा साहेब का सपना तभी पूरा होगा, जब समाज के सबसे अंतिम व्यक्ति तक अधिकार, सम्मान और अवसर पहुँचेंगे।
आज उनकी पुण्यतिथि हमें यही संदेश देती है कि संघर्ष अभी अधूरा है, और हमें इसे आगे बढ़ाना है।” अपने संबोधन में इन्होने आगे कहा कि “बाबा साहब ने सिर्फ संविधान नहीं लिखा, बल्कि करोड़ों वंचितों-शोषितों को आत्मसम्मान और अधिकार की ज्योति दी। उनकी विचारधारा आज भी हमें समता, स्वतंत्रता और बंधुता का पाठ पढ़ाती है। हमें उनके सपनों का भारत बनाने के लिए एकजुट होकर संघर्ष करना होगा।
कार्यक्रम में प्रोफेसर कृष्णा कान्त रवि , शिव शंकर दस , अशोक कुमार रजक , दीपक पासवान , विनय कुमार दुबे (पहलवान )मंटू राम , अजय नाग , भूषण राम , मनु तिर्की , कृष्णा राम, रविन्द्र यादव , प्रहलाद राम , करीमन रजक सहित बड़ी संख्या में स्थानीय लोग, युवा, सामाजिक कार्यकर्ता और मंच के पदाधिकारी शामिल हुए।सभी ने बाबा साहेब की विचारधारा को झारखंड के जन–आंदोलनों की शक्ति बताते हुए इसे आगे बढ़ाने का संकल्प लिया। सभी ने दो मिनट का मौन रखकर महामानव को याद किया और संविधान की रक्षा तथा सामाजिक न्याय के लिए प्रतिबद्धता दोहराई। कार्यक्रम शांतिपूर्ण और गरिमामय वातावरण में सम्पन्न हुआ।
