Ranchi News: एसबीयू के सिविल एवं एनवायरमेंट इंजीनियरिंग विभाग द्वारा दो दिवसीय कौशल विकास कार्यशाला का शुभारंभ
भौगोलिक सूचना प्रणाली संबंधी दी गई जानकारी
रांची: सरला बिरला विश्वविद्यालय(एसबीयू) के सिविल एवं एनवायरमेंट इंजीनियरिंग विभाग द्वारा आईईईई जीआरएसएस यंग प्रोफेशनल और साउथ एशिया अलायंस ऑफ डिजास्टर रिसर्च इंस्टीट्यूट्स के सहयोग से “आपदा जोखिम न्यूनीकरण के लिए भौगोलिक सूचना प्रणाली और तकनीक” विषय पर दो दिवसीय कौशल विकास कार्यशाला का शुभारंभ आज किया गया.

अपने स्वागत भाषण में कार्यक्रम संयोजक डॉ. सागर सारंगी ने आपदा जोखिम को समझने और उसे कम करने में भौगोलिक सूचना प्रणाली के महत्व को रेखांकित किया. उन्होंने ओपन-सोर्स प्लेटफ़ॉर्म जैसे क्यूजीआईएस के माध्यम से पूर्व तैयारी और योजना बनाने पर बल दिया. उद्घाटन सत्र में बीआईटी मिश्रा के रिमोट सेंसिंग विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ. वी. एस. राठौर ने आपदा योजना में जीआईएस और रिमोट सेंसिंग के विकास पर चर्चा की. प्रो. ए. पी. कृष्णा ने प्रभावी आपदा प्रबंधन के लिए भू-स्थानिक तकनीकों के महत्व को बताया और प्रतिभागियों को कौशल वृद्धि के लिए प्रेरित किया. डॉ. पंकज कुमार गोस्वामी ने उत्तराखंड और ओडिशा के केस स्टडी के माध्यम से वास्तविक जीवन में इन तकनीकों के उपयोग को समझाया.
इस कार्यशाला में बीआईटी मेसरा, रांची विमेंस कॉलेज, निर्मला कॉलेज, सेंट्रल यूनिवर्सिटी ऑफ साउथ बिहार, नेताजी सुभाष विश्वविद्यालय, डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी विश्वविद्यालय और एसबीयू रांची सहित विभिन्न संस्थानों से कुल 28 प्रतिभागियों ने भाग लिया.
आईईईई जीआरएसएस छात्र सदस्य स्नेहा कौर और सैकत पात्रा ने यंग प्रोफेशनल एम्बेसडर सुश्री अनुवा चौधरी के नेतृत्व में कार्यशाला की गतिविधियों के समन्वयन और प्रतिभागियों के साथ संवाद में अहम भूमिका निभाई.
कार्यक्रम के अंत में धन्यवाद ज्ञापन अनुवा चौधरी ने दिया. डॉ. मीता वर्मा ने सत्र का संचालन किया. कार्यशाला का समापन 26 जुलाई को एक "आइडियाथॉन" के साथ होगा, जिसमें आपदा जोखिम को न्यूनतम करने संबंधी विचारों और नवाचारों पर विस्तृत चर्चा की जाएगी.
इस कार्यशाला के आयोजन पर एसबीयू के माननीय प्रतिकुलाधिपति श्री बिजय कुमार दलान, माननीय महानिदेशक प्रो गोपाल पाठक एवं माननीय राज्यसभा सांसद डॉ प्रदीप कुमार वर्मा ने शुभकामना संदेश प्रेषित किया है.
सुजीत सिन्हा, 'समृद्ध झारखंड' की संपादकीय टीम के एक महत्वपूर्ण सदस्य हैं, जहाँ वे "सीनियर टेक्निकल एडिटर" और "न्यूज़ सब-एडिटर" के रूप में कार्यरत हैं। सुजीत झारखण्ड के गिरिडीह के रहने वालें हैं।
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