Ranchi News: नामांकन में पारदर्शिता, समय से परीक्षा और अनुशासन DSPMU की पहली प्राथमिकता: कुलपति
कुलपति की अध्यक्षता में सभी संकायों के डीन, विभागाध्यक्षों, समन्वयकों और निदेशकों के साथ बैठक
कुलपति अंजनी कुमार मिश्रा ने बैठक के दौरान अपने संबोधन में कहा कि आज जिन महत्वपूर्ण विषयों पर संवाद मंथन हुआ उन सभी पर क्रियान्वयन की प्रक्रिया जल्द ही शुरू की जाएगी, चाहे वह नए पाठ्यक्रम के प्रारंभ या नई शिक्षा नीति के सिलेबस में नए अध्यायों के जुड़ाव से संलग्न हो.

कुलपति अंजनी कुमार मिश्रा ने बैठक के दौरान अपने संबोधन में कहा कि आज जिन महत्वपूर्ण विषयों पर संवाद मंथन हुआ उन सभी पर क्रियान्वयन की प्रक्रिया जल्द ही शुरू की जाएगी, चाहे वह नए पाठ्यक्रम के प्रारंभ या नई शिक्षा नीति के सिलेबस में नए अध्यायों के जुड़ाव से संलग्न हो. उन्होंने पुनः इस बैठक में नामांकन प्रक्रिया की पारदर्शिता पर जोर देते हुए कहा कि नामांकन के योग्य विद्यार्थियों के दाखिले से ही आधी समस्याएं हल हो जाती है. उन्होंने कहा कि शीघ्र ही विश्वविद्यालय उन विद्यार्थियों के लिए विशेष परीक्षा आयोजित करेगा जो स्नातक NEP के पूर्व के सत्र से संबंधित है.
उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय बड़े बड़े लक्ष्यों की घोषणा न कर उन प्राथमिकताओं पर ध्यान केंद्रित करें जो तत्काल तौर पर विद्यार्थियों के लिए अकादमिक और प्रशासनिक दृष्टिकोण से अति आवश्यक है. उन्होंने आगे कहा कि शीघ्र ही विश्वविद्यालय में स्नातक में प्रवेश प्रक्रिया को पूरा कर आगामी माह से एकरूपता में नए सत्र की सभी कक्षाएं प्रारंभ की जाएंगी. इस अधिकारिक बैठक के बाद कुलपति अंजनी कुमार मिश्रा ने विश्वविद्यालय के परीक्षा विभाग का निरीक्षण किया और आगामी 26 जुलाई से आयोजित किए जानेवाली स्नातक परीक्षा के मद्देनजर आवश्यक दिशा निर्देश निर्गत किया. उन्होंने कहा कि विभाग इन परीक्षाओं का सुगमतापूर्वक संचालन सुनिश्चित करें.
आज की इस अधिकारिक बैठक के दौरान विश्वविद्यालय के डीएसडब्ल्यू डॉ सर्वोत्तम कुमार, कुलसचिव डॉ धनंजय द्विवेदी सहित सभी संकायों के डीन, विभागाध्यक्ष, समन्वयक और निदेशक मौजूद थे. यह जानकारी पीआरओ डॉ राजेश कुमार सिंह ने दी.
सुजीत सिन्हा, 'समृद्ध झारखंड' की संपादकीय टीम के एक महत्वपूर्ण सदस्य हैं, जहाँ वे "सीनियर टेक्निकल एडिटर" और "न्यूज़ सब-एडिटर" के रूप में कार्यरत हैं। सुजीत झारखण्ड के गिरिडीह के रहने वालें हैं।
'समृद्ध झारखंड' के लिए वे मुख्य रूप से राजनीतिक और वैज्ञानिक हलचलों पर अपनी पैनी नजर रखते हैं और इन विषयों पर अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत करते हैं।
