हमारा देश पूरे विश्व में ‘अनेकता में एकता’ का श्रेष्ठ उदाहरण: राज्यपाल गंगवार

लोक भवन में नागालैंड–असम स्थापना दिवस समारोह में राज्यपाल का संदेश

हमारा देश पूरे विश्व में ‘अनेकता में एकता’ का श्रेष्ठ उदाहरण: राज्यपाल गंगवार

लोक भवन में नागालैंड और असम का स्थापना दिवस संयुक्त रूप से मनाया गया, जहां झारखंड के राज्यपाल संतोष कुमार गंगवार ने भारत की ‘अनेकता में एकता’ की भावना को रेखांकित किया। उन्होंने पूर्वोत्तर राज्यों की संस्कृति, योगदान और राष्ट्रीय एकता में उनकी भूमिका की सराहना की।

रांची: भारत विविधता में एकता का अनोखा उदाहरण है, जहां अलग-अलग भाषा, संस्कृति, परंपरा और जीवन–शैली के बावजूद सभी एक भावना के साथ जुड़े हैं। यह बातें झारखंड के राज्यपाल संतोष कुमार गंगवार ने बुधवार को लोक भवन में आयोजित नागालैंड और असम राज्य स्थापना दिवस समारोह में कही।

उन्होंने बताया कि नागालैंड का स्थापना दिवस 1 दिसंबर और असम का स्थापना दिवस 2 दिसंबर को था, किंतु उनके राज्य से बाहर रहने के कारण कार्यक्रम निर्धारित तिथि को आयोजित नहीं किया जा सका। इसलिए दोनों राज्यों का स्थापना दिवस संयुक्त रूप से लोक भवन में मनाया जा रहा है।

राज्यपाल ने झारखंड में रह रहे नागालैंड और असम के लोगों की सराहना की और कहा कि उनकी मेहनत, समर्पण और प्रतिभा राज्य के विकास में महत्वपूर्ण योगदान दे रही है। उन्होंने कहा कि ये दोनों राज्य पूर्वोत्तर भारत की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत, प्राकृतिक सौंदर्य और कला का प्रतिबिंब हैं।

पूर्वोत्तर भारत के महत्व पर बोलते हुए उन्होंने कहा कि यह क्षेत्र सुरक्षा, पर्यावरण संरक्षण, सांस्कृतिक धरोहर और राष्ट्रीय एकता में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। यहां की जैव-विविधता, पारंपरिक ज्ञान, जनजातीय संस्कृति, संगीत, हस्तशिल्प और पर्यटन की अपार संभावनाएं देश की शान हैं।

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असम की संस्कृति का उल्लेख करते हुए राज्यपाल ने कहा कि लाल नदी और नीली पहाड़ियों की भूमि असम, अपनी लोककला, साहित्य, संगीत और इतिहास के लिए प्रसिद्ध है। कामाख्या मंदिर, ब्रह्मपुत्र नदी, बिहू नृत्य और चाय बागान इसकी विशिष्ट पहचान हैं।

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नागालैंड को ‘त्योहारों की भूमि’ बताते हुए उन्होंने कहा कि यहां का पारंपरिक संगीत, परिधान, हस्तशिल्प और प्रसिद्ध हॉर्नबिल महोत्सव राज्य की सांस्कृतिक धरोहर और गौरव का प्रतीक है। इस दौरान राज्यपाल ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के ‘एक भारत, श्रेष्ठ भारत’ अभियान की सराहना की और कहा कि इस पहल ने देश के अलग-अलग राज्यों के बीच सांस्कृतिक संवाद और समझ को मजबूत किया है। उन्होंने प्रधानमंत्री द्वारा सभी राजभवनों का नाम लोक भवन रखे जाने के निर्णय के लिए आभार व्यक्त किया।

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कार्यक्रम के अंत में राज्यपाल ने कामना की कि नागालैंड और असम निरंतर प्रगति करें और उनकी सांस्कृतिक पहचान विश्व स्तर पर और मजबूत हो। साथ ही उन्होंने एकता, सद्भाव और राष्ट्र निर्माण के संकल्प को आगे बढ़ाने का आह्वान किया।

इस अवसर पर राज्यपाल के अपर मुख्य सचिव डॉ. नितिन मदन कुलकर्णी ने दोनों राज्यों के नागरिकों को स्थापना दिवस की शुभकामनाएं दीं और असम के प्रसिद्ध संगीतकार भूपेन हज़ारिका, जुबिन गर्ग तथा नागालैंड के हॉर्नबिल महोत्सव का विशेष उल्लेख किया। उन्होंने कहा कि इनका भारतीय संस्कृति और संगीत मंे अमूल्य योगदान है।

Edited By: Anshika Ambasta

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