रूस की व्हाट्सऐप को अंतिम चेतावनी: स्थानीय कानून नहीं माने तो ऐप होगा पूरी तरह बैन!
टेक डेस्क: रूस ने व्हाट्सऐप को देश में बैन करने की सीधी चेतावनी दे दी है और साथ‑साथ अपना स्वदेशी मैसेजिंग ऐप ‘मैक्स’ भी आक्रामक तरीके से प्रमोट कर रहा है। अगर व्हाट्सऐप ने रूस के कड़े कानूनों का पालन नहीं किया, तो उसे वहां पूरी तरह ब्लॉक किया जा सकता है।
रूस की सख्ती और बैन की धमकी

कानून उल्लंघन के आरोप क्या हैं
रॉयटर्स के हवाले से खबर है कि 28 नवंबर को Roskomnadzor ने एक बार फिर व्हाट्सऐप को टारगेट करते हुए कहा कि कंपनी अपराधों की रोकथाम से जुड़ी रूसी शर्तों को मानने से बार‑बार इनकार कर रही है। एजेंसी का आरोप है कि मैसेजिंग सर्विस जांच एजेंसियों को जरूरी डेटा और सहयोग नहीं दे रही, जबकि ये प्रावधान रूस के सुरक्षा कानूनों के तहत अनिवार्य माने जाते हैं। इंटरफैक्स के हवाले से यह भी बताया गया कि अगर व्हाट्सऐप ने अपना रुख नहीं बदला तो उसे पूरी तरह ब्लॉक करने की प्रक्रिया शुरू की जा सकती है।
मेटा और रूसी पक्ष की दलीलें
व्हाट्सऐप की पैरेंट कंपनी मेटा पहले ही कह चुकी है कि रूस सरकार के कदम लाखों यूजर्स की सुरक्षित और प्राइवेट चैटिंग की आज़ादी पर हमला हैं। दूसरी ओर Roskomnadzor का कहना है कि प्लेटफॉर्म का दुरुपयोग बढ़ रहा है और ब्लूमबर्ग की रिपोर्टों के मुताबिक उस पर आतंकी हमलों की प्लानिंग और आतंकियों की भर्ती जैसे गंभीर आरोप लगाए जा रहे हैं। रूसी एजेंसियां इसे राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़ा मामला मान रही हैं, जबकि कंपनी इसे यूजर प्राइवेसी और एन्क्रिप्शन पर समझौता करने का दबाव बता रही है।
रजिस्ट्रेशन प्रतिबंध और PassKey लॉगिन
अक्टूबर में सामने आई रिपोर्टों के मुताबिक रूसी मोबाइल कंपनियों को आदेश दिया गया कि वे व्हाट्सऐप पर नया अकाउंट बनाने या पुराने यूजर्स के फिर से लॉगिन करने के लिए SMS वेरिफिकेशन कोड भेजना बंद कर दें। इस कदम से नए यूजर्स का रजिस्ट्रेशन और लॉगआउट के बाद दोबारा लॉगिन करना मुश्किल हो गया। जवाब में व्हाट्सऐप ने रूसी यूजर्स के लिए PassKey के ज़रिए लॉगिन की सुविधा शुरू कर दी, ताकि बिना SMS के भी अकाउंट एक्सेस किया जा सके और सेवा जारी रहे।
‘मैक्स’ ऐप: रूस का स्वदेशी विकल्प
इसी बीच रूस सरकार ने अपना नया मैसेजिंग ऐप ‘मैक्स’ लॉन्च कर उसे बड़े स्तर पर प्रमोट करना शुरू किया है। यह ऐप सरकारी कंपनी VK द्वारा विकसित किया गया है और इसके बारे में कहा जा रहा है कि इसका कॉन्सेप्ट चीन के वीचैट जैसा है, यानी सिर्फ चैटिंग ही नहीं बल्कि कई तरह की डिजिटल सर्विसेज़ एक प्लेटफॉर्म पर देने का प्रयास है। भारत में बने ‘अरट्टई’ जैसे देसी ऐप्स की तर्ज पर रूस ‘मैक्स’ को स्कूल, कॉलेज और सरकारी दफ्तरों के लिए बेहद सुरक्षित प्लेटफॉर्म के रूप में पेश कर रहा है।
हर नए डिवाइस में प्री‑इंस्टॉल ‘मैक्स’
रूसी सरकार की योजना के मुताबिक अब देश में बिकने वाले हर नए स्मार्टफोन और कंप्यूटर में ‘मैक्स’ ऐप पहले से इंस्टॉल करके दिया जाएगा। इसका उद्देश्य यह है कि यूजर्स को डिफॉल्ट रूप से स्थानीय मैसेजिंग समाधान मिले और विदेशी ऐप्स पर निर्भरता घटे। हालांकि फिलहाल लोकप्रियता के मामले में ‘मैक्स’ अभी भी व्हाट्सऐप और टेलीग्राम से काफी पीछे है और इनके यूजर बेस को रिप्लेस करना उसके लिए बड़ी चुनौती बना हुआ है।
भविष्य में क्या हो सकता है
अगर व्हाट्सऐप और रूस के नियामकों के बीच टकराव जारी रहा तो देश में इस ऐप के लिए बैन या कड़े प्रतिबंधों की स्थिति बन सकती है, जिससे लाखों रूसी यूजर्स के कम्युनिकेशन पैटर्न पर असर पड़ेगा। साथ ही, सरकार की ओर से ‘मैक्स’ को अनिवार्य या प्राथमिक विकल्प की तरह बढ़ावा देने से डिजिटल स्पेस में स्थानीय‑बनाम‑विदेशी प्लेटफॉर्म की बहस और तेज हो सकती है। अभी के लिए रूस व्हाट्सऐप पर दबाव बढ़ाकर डेटा एक्सेस और सिक्योरिटी से जुड़ी अपनी शर्तें मनवाने की कोशिश कर रहा है, जबकि कंपनी प्राइवेसी के मुद्दे पर पीछे हटने को तैयार नहीं दिख रही।
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