झारखंड हाइकोर्ट ने मानसून तक जलस्रोतों पर बने निर्माण तोड़ने पर लगायी रोक, सरकार से पूछा पुनर्वास की क्या योजना है?

झारखंड हाइकोर्ट ने मानसून तक जलस्रोतों पर बने निर्माण तोड़ने पर लगायी रोक, सरकार से पूछा पुनर्वास की क्या योजना है?

Jharkhand High Court News
रांची (Ranchi News ): झारखंड हाइकोर्ट ने नदियों व अन्य जलस्रोतों के किनारे की बसावट व अतिक्रमण के मामले में राज्य सरकार से पूछा है कि एक कल्याणकारी राज्य में गरीब लोगों का मकान तोड़ने से पहले सरकार की क्या योजना है? हाइकोर्ट ने कहा कि पहले गरीबों को घर-मकान बनाने दिया और अब तोड़ रहे हैं, इसकी जिम्मेवारी भी तय की जाए। गुरुवार को हाइकोर्ट स्वतः संज्ञान से दर्ज मामले में सुनवाई करते हुए मानसून खत्म होने तक किसी भी निर्माण को तोड़ने पर रोक लगा दिया।

हाइकोर्ट ने इस संबंध में कहा कि कोई भी निर्माण तोड़ने की कार्रवाई 15 अक्टूबर के बाद करें। अदालत ने कहा कि जिन लोगों ने जलस्रोतों के किनारे अतिक्रमण किया है उन्हें हटना पड़ेगा। अतिक्रमण से कोई समझौता नहीं किया जाएगा। अदालत ने कहा कि अभी मानसून है और कोरोना संक्रमण का भी खतरा है। अदालत ने कहा कि गरीब लोग कोई भेड़-बकरी नहीं हैं। अगर उनका घर तोड़ देंगे तो वे कहां जाएंगे।

अदालत ने कहा कि वेलफेयर स्टेट में पुनर्वास की भी व्यवस्था होनी चाहिए। गरीब लोगों के लिए पुनर्वास की भी योजना होनी चाहिए। अदालत ने कहा कि कोर्ट रांची को बचाना चाहता है ताकि यहां का हवा-पानी स्वच्छ रहे। अदालत ने कहा कि बिना प्लानिंग के रांची का विस्तार होता चला गया।

झारखंड हाइकोर्ट ने कहा कि जितनी सक्रियता से अतिक्रमणकारियों के खिलाफ कार्रवाई हो रही है, उतनी सक्रियता से जिम्मेवारी भी तय होनी चाहिए।

यह भी पढ़ें कोडरमा: चंदवारा की फुटबॉल खिलाड़ी सोनी का सेंटर फॉर एक्सीलेंस के लिए चयन 

मुख्य न्यायाधीश रवि रंजन व न्यायमूति सुजीत नारायण प्रसाद ने मामले की सुनवाई करते हुए कहा कि कोर्ट क्रेडिट नहीं लेना चाहता है, सरकार क्रेडिट ले, लेकिन काम भी करें।

यह भी पढ़ें कोडरमा में रोटरी क्लब ने ग्रामीणों के बीच 250 पौधों का किया वितरण

अदालत ने कहा कि सरकार के पास एक पुनर्वास योजना होनी चाहिए। अदालत ने कहा कि 12 घंटे या 24 घंटे के नोटिस पर किसी का मकान तोड़ दे रहे हैं और वह सड़क पर आ जा रहा है। अदालत ने कहा कि दो दिन के नोटिस पर किसी का मकान नहीं तोड़ा जाए।

यह भी पढ़ें बोकारो : विस्थापितों की समस्या को लेकर झारखंड कोलियरी कामगार यूनियन ने बीएण्डके महाप्रबंधक के संग की बैठक

अदालत ने कहा कि गरीब लोगों को अपील करने का समय मिलना चाहिए। अदालत ने अपर महाधिवक्ता दर्शना पोद्दार मिश्र से पूछा कि जिन लोगों को हटाया जा रहा है, क्या उनके पुनर्वास के लिए सरकार के पास कोई नीति है। वर्चुअल माध्यम से हुई सुनवाई के दौरान नगर विकास सचिव ने अदालत को बताया कि गरीब लोगों को प्रधानंमंत्री आवास योजना के तहत मकान दिया जा रहा है। उन्होंने यह भी बताया कि सभी जल स्रोतों का ड्रोन मैपिंग करवाने की योजना है।

Edited By: Samridh Jharkhand

Latest News

कोडरमा: कस्तूरबा की छात्राओं ने हर्षोल्लास के साथ मनाया करमा पूजा, खेला झूमर कोडरमा: कस्तूरबा की छात्राओं ने हर्षोल्लास के साथ मनाया करमा पूजा, खेला झूमर
चाईबासा: नितिन प्रकाश दोबारा बने केंद्रीय दुर्गा पूजा समिति के अध्यक्ष, चंदन उपाध्यक्ष और आनंद महासचिव बने
चाईबासा: विस चुनाव को लेकर जिला कांग्रेस ने की अहम बैठक, सांगठनिक मजबूती पर हुई चर्चा
चाईबासा: मंत्री दीपक बिरुवा ने कहा झारखंड आंदोलनकारियों को दिलाया जाएगा उचित सम्मान, बलिदान और संघर्ष को भी किया याद
चाईबासा: झारखंड पार्टी ने सिंदरीबेड़ा पंचायत के लोगों के साथ की बैठक, हॉकी के खिलाड़ियों को लाभ देने का वादा
जमशेदपुर: हेमंत की भाभी और चंपई सोरेन के लिए छलका पीएम मोदी का दर्द, भरी सभा में विपक्ष को दिया बड़ा संदेश
द ग्रेट इंडियन कपिल शो प्रोमो: करण जौहर ने सिंगल होने की शिकायत की......
आयुष्मान भारत योजना : एक सप्ताह में शुरू होगा नामांकन, पीएम मोदी ने दी मंजूरी
झारखंड से पति और पत्नी की सरकार हटाकर डबल इंजन सरकार बनानी है: बाबूलाल मरांडी
राहुल गांधी की टीम द्वारा टेक्सास में पत्रकार के साथ बदसलूकी घटना की एनयूजे ने की कड़ी निंदा
चाईबासा: जिप सदस्य जॉन मिरन मुंजा ने जर्जर NH 57 का उठाया मुद्दा, कहा- सड़क निर्माण के नाम पर हुई लूट 
बोकारो : विस्थापितों की समस्या को लेकर झारखंड कोलियरी कामगार यूनियन ने बीएण्डके महाप्रबंधक के संग की बैठक