संजय मेहता ने क्षेत्रीय राजनीतिक पार्टियों को एकजुट करने के उद्देश्य से हेमंत सोरेन, सुदेश महतो एवं जयराम महतो को लिखा पत्र
झारखंड निर्माण के ढाई दशक बाद भी राज्यवासियों का सपना अधूरा है: संजय मेहता

झारखंड बचाओ क्रांति सेना समिति के इस पहल को झारखंडी जनमानस से व्यापक समर्थन मिल रहा है। राज्य के विभिन्न सामाजिक संगठनों ने इस कदम की सराहना करते हुए कहा कि झारखंड को अपनी सांस्कृतिक पहचान और मूल अधिकारों की रक्षा के लिए अब एकजुट होकर कार्य करना आवश्यक है।
रांची: झारखंड बचाओ क्रांति सेना समिति के केंद्रीय अध्यक्ष एवं हजारीबाग लोकसभा के पूर्व प्रत्याशी संजय कुमार मेहता ने राज्य की क्षेत्रीय राजनीतिक पार्टियों को एकजुट करने और झारखंड के भविष्य को लेकर गंभीर चिंतन करने के उद्देश्य से विभिन्न दलों के शीर्ष नेताओं को पत्र लिखा है। इस क्रम में उन्होंने आजसू पार्टी के केंद्रीय अध्यक्ष सुदेश महतो, झारखंड लोकतांत्रिक क्रांतिकारी मोर्चा (जेएलकेएम) के केंद्रीय अध्यक्ष जयराम महतो और झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) के कार्यकारी अध्यक्ष सह मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को पत्र प्रेषित किया है।

पत्र में संजय मेहता ने कहा, "झारखंड निर्माण के ढाई दशक बाद भी राज्यवासियों का सपना अधूरा है। झारखंड के स्वाभिमान और अस्तित्व को बचाने के लिए सभी क्षेत्रीय ताकतों को एकजुट होकर संघर्ष करना आवश्यक है। जब तक हम सब मिलकर झारखंड को झारखंडियों के लिए नहीं बनाएंगे, तब तक हमारी असली पहचान अधूरी रहेगी।"
उन्होंने आगे कहा कि राष्ट्रीय दलों का अपना एजेंडा होता है, जो झारखंड के मूल मुद्दों को पीछे छोड़ देता है। अतः झारखंड को पूर्णतः एक क्षेत्रीय सरकार की आवश्यकता है, जहां राष्ट्रीय दलों या बाहरी क्षेत्रीय दलों की साझेदारी न हो।
संजय मेहता ने पत्र में सभी नेताओं से आग्रह किया कि वे झारखंड के समग्र विकास को ध्यान में रखते हुए व्यक्तिगत राजनीतिक महत्वाकांक्षाओं से ऊपर उठकर एक मंच पर आएं और आगामी एक दशक के लिए राज्य के नवनिर्माण की योजना बनाएं। उन्होंने इस विषय पर चर्चा और सामूहिक निर्णय लेने के लिए सभी से मुलाकात करने की इच्छा व्यक्त की है।
उन्होंने कहा, "अब समय आ गया है कि हम अपने मतभेद भुलाकर झारखंड के सर्वांगीण विकास के लिए एकजुट हों। यह हमारी सामूहिक जिम्मेदारी है कि हम राज्य की सांस्कृतिक और सामाजिक विरासत को संरक्षित करें और भविष्य की पीढ़ियों के लिए एक सशक्त झारखंड का निर्माण करें।"
संजय मेहता के इस पत्र पर झारखंड के राजनीतिक गलियारों में चर्चाएं तेज हो गई हैं और सभी दलों की प्रतिक्रिया का इंतजार किया जा रहा है।
झारखंड बचाओ क्रांति सेना समिति के इस पहल को झारखंडी जनमानस से व्यापक समर्थन मिल रहा है। राज्य के विभिन्न सामाजिक संगठनों ने इस कदम की सराहना करते हुए कहा कि झारखंड को अपनी सांस्कृतिक पहचान और मूल अधिकारों की रक्षा के लिए अब एकजुट होकर कार्य करना आवश्यक है।