डीपीएस रांची ने नशा मुक्ति जागरूकता कार्यक्रम किया आयोजित
स्वस्थ और जागरूक भावी पीढ़ी के निर्माण का लक्ष्य
यह कार्यक्रम छात्रों को नशे के मनोवैज्ञानिक, सामाजिक और तंत्रिका संबंधी प्रभावों तथा समझदारी से जीवन के निर्णय लेने के महत्व को समझाने का एक सशक्त मंच बना.
रांची: स्वस्थ और जागरूक भावी पीढ़ी के निर्माण की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए, दिल्ली पब्लिक स्कूल रांची ने झारखंड शिक्षा परियोजना, रांची एवं चाइल्ड इन नीड इंस्टीट्यूट (सिनी) के सहयोग से नशा और मादक पदार्थों के दुष्प्रभावों पर एक व्यापक जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया. यह कार्यक्रम छात्रों को नशे के मनोवैज्ञानिक, सामाजिक और तंत्रिका संबंधी प्रभावों तथा समझदारी से जीवन के निर्णय लेने के महत्व को समझाने का एक सशक्त मंच बना.

कार्यक्रम की शुरुआत एक भावनात्मक नाटक “नशा छोड़ो, जीवन अपनाओ” से हुई, जिसे वार्ड संख्या 28, मधुकम के स्लम क्षेत्र के बच्चों ने प्रस्तुत किया. इस नाटक में नशे की विनाशकारी राह और उद्देश्यपूर्ण जीवन के चयन की महत्ता को दर्शाया गया, जिसने दर्शकों को गहराई से प्रभावित किया. इसके पश्चात एक क्विज़ सेशन आयोजित किया गया, जिसने छात्रों की नशे से संबंधित जानकारी को परखा और बढ़ाया. इस इंटरैक्टिव प्रारूप ने छात्रों को सक्रिय रूप से भाग लेने हेतु प्रोत्साहित किया और उन्हें मुख्य तथ्यों से अवगत कराया.
इसके बाद एक डॉक्युमेंट्री दिखाई गई जिसमें नशे की लत और पुनर्प्राप्ति की सच्ची कहानियाँ दिखाई गई. इस दृश्य प्रस्तुति ने छात्रों पर गहरा प्रभाव डाला और सहानुभूति के साथ जागरूकता भी बढ़ाई. एक संवादात्मक सत्र में छात्रों ने अपने विचार साझा किए और प्रश्न पूछे. एक महत्वपूर्ण चर्चा पर्चे पर मिलने वाली दवाओं—जैसे खांसी की सिरप के दुरुपयोग पर हुई. विशेषज्ञों ने समझाया कि कैसे ऐसी सामान्य दवाएं भी लत का कारण बन सकती हैं, यदि उनका गलत इस्तेमाल किया जाए.
विशेषज्ञों ने छात्रों से आधुनिक जीवन की सुविधाओं और जानकारी का सदुपयोग करने का आग्रह किया. इसी के साथ ही व्यावहारिक दृष्टिकोण अपनाने, ज़रूरत पर मदद माँगने और भरोसेमंद बड़ों से बात करने की सलाह दी गई. उन्हें नशे के तंत्रिका और मानसिक प्रभावों तथा इससे उनके शैक्षणिक, आर्थिक और सामाजिक जीवन पर पड़ने वाले दुष्परिणामों के बारे में जानकारी दी गई. सहायता हेतु हेल्पलाइन नंबर और समर्थन नेटवर्क की सूची भी साझा की गई.
कार्यक्रम का समापन एक सशक्त संकल्प के साथ हुआ, जिसमें सभी छात्रों और शिक्षकों ने नशे से दूर रहने और अपने समुदाय में एक स्वस्थ, नशामुक्त जीवनशैली को बढ़ावा देने की प्रतिज्ञा ली.
इस अवसर पर डीपीएस रांची की प्राचार्या डॉ. जया चौहान ने कहा, “शिक्षा केवल अकादमिक उत्कृष्टता नहीं है— यह जिम्मेदार नागरिकों का निर्माण है जो समझदारी से निर्णय ले सकें. यह जागरूकता कार्यक्रम इस बात की याद दिलाता है कि हर विद्यार्थी नशे को 'ना' कहकर जीवन को ‘हां’ कहने की शक्ति रखता है. हमें मिलकर अपने छात्रों को उनके जीवन और समाज में परिवर्तन लाने के लिए सक्षम बनाना है.
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