15 दिसंबर से टाइगर एस्टीमेशन 2026 शुरू, बाघ और वन्यजीवों की गणना होगी
टाइगर रिजर्व बना अभियान का केंद्र, 2006 से लगातार जारी है बाघ गणना प्रक्रिया
झारखंड में 15 दिसंबर से टाइगर एस्टीमेशन 2026 अभियान शुरू होगा। इस दौरान बाघ, हाथी, लेपर्ड और अन्य वन्यजीवों की गणना के साथ जंगल की स्थिति की जानकारी जुटाई जाएगी।
पलामू: झारखंड में 15 दिसंबर से टाइगर एस्टीमेशन 2026 की शुरूआत होगी। इसके तहत बाघ के साथ साथ अन्य वन्यप्राणी और जंगल की भी जानकारी जुटायी जायेगी। फर्स्ट फेज में 22 दिसंबर तक यह अभियान चलेगा। फोर्थ फेज का अभियान अप्रैल 2026 तक चलाया जायेगा। इस बार पूरे राज्य के वन क्षेत्र में यह कार्यक्रम होगा। इस अभियान के लिए पलामू टाइगर रिजर्व के मुख्य वन्य संरक्षक एवं क्षेत्र निदेशक एसआर नटेश को नोडल पदाधिकारी बनाया गया है। नोडल पदाधिकारी ने बुधवार काे अभियान को लेकर अपने कार्यालय में पत्रकारों को जानकारी दी।
उन्होंने बताया कि झारखंड में टाइगर एस्टीमेशन सभी 36 डिविजन में चलाया जायेगा। इसके लिए पूरे राज्य में 1600 वनरक्षी लगाये जायेंगे और जहां-जहां वाइल्ड लाइफ है, वहां के टेकर भी शामिल किए जायेंगे। पलामू टाइगर रिजर्व में फिलवक्त 300 टेकर और 110 गार्ड हैं। इस बार वॉलंटियर भी रखे जायेंगे। इसके लिए संबंधित क्षेत्र के विश्वविद्यालय से संपर्क किया गया है और वॉटनिस्ट को सहायक के तौर पर शामिल किया जायेगा।
वॉलंटियर का कार्य निःशुल्क होगा, उन्हें सिर्फ प्रमाण पत्र दिया जायेगा। वॉलंटियर रखने से पहले छात्रों का स्किल टेस्ट भी लिया जायेगा। प्रशिक्षण भी दिया जायेगा। बाघ, हाथी, बायसन, सियार, लैपर्ड, जंगली कुत्ते, लकड़बग्घा सहित अन्य जंगली जानवर की गणना की जायेगी।
ट्रायल सर्वे के आधार पर कैमरा टेपिंग होगा। इस बार पूरे एरिया में 1024 कैमरे लगाये जायेेंगे। 512 ग्रिड कवर किया जायेगा। 28-28 दिन के अंतराल पर कैमरे हटाकर दूसरे रेंज में लगाये जायेंगे। कुटकू रेंज में काम पूरा हो गया है। अभियान के क्रम में एरिया को जानने का मौका मिलेगा।
इसी तरह ट्रायल वर्क 5 किलोमीटर के एरिया में प्रत्येक दिन किया जायेगा। इस क्रम में पगमार्क, मल सहित अन्य गतिविधियों की जानकारी जुटायी जायेगी। इसके लिए नवंबर से ही वनकर्मियों को प्रशिक्षण दिया जा रहा है। सारे कार्य डिजिटली हाेंगे और ऐप में अपलोड किए जायेंगे।
उन्होंने एस्टीमेशन में मैन पॉवर की समस्या बतायी। एस्टीमेशन की पूरी रिपोर्ट बनाकर भारत सरकार को भेजी जायेगी। वहां से 29 जुलाई 2026 को इसे जारी किया जायेगा। पीटीआर के बाहर रांची, दुमका और हजारीबाग रेंज में भी यह अभियान चलेगा। उन्होंने बताया कि हर चार वर्ष में यह अभियान चलाया जाता है। पलामू टाइगर रिजर्व में 2006 से इसकी शुरूआत हुई थी। पीटीआर 1149 वर्ग किलोमीटर में फैला हुआ है। मौके पर पीटीआर के डिप्टी डायरेक्टर प्रजेशकांत जेना एवं अन्य मौजूद थे।
