झारखंड भाजपा ने राज्यपाल को लिखा पत्र, हेमंत सरकार पर तुष्टीकरण का लगाया आरोप, हस्तक्षेप की मांग
रांची : झारखंड भाजपा ने आज राज्यपाल द्रौपदी मुर्मू को पत्र लिख कर राज्य की हेमंत सोरेन सरकार पर तुष्टीकरण का आरोप लगाया है. यह पत्र विपक्ष के नेता बाबूलाल मरांडी एवं प्रदेश अध्यक्ष दीपक प्रकाश के नाम से लिखा गया है. पत्र में लिखा गया है कि आज पूरा देश कोरोना जैसी वैश्विक महामारी के खिलाफ संघर्ष कर रहा है. गरीब, मजदूर, किसान भूखे पेट सो कर भी लाॅकडाउन में सरकार के निर्देशों का पालन कर रहे हैं. झारखंड की जनता भी माननीय प्रधानमंत्री के आह्वानों एवम निर्देशों का कड़ाई से अनुपालन कर रही है, परंतु इस कोरोना संकट के बीच हेमंत सरकार के असंवैधानिक और तुष्टीकरण से भरे निर्णयों ने न सिर्फ कोरोना के खिलाफ लड़ाई को कमजोर किया है बल्कि प्रदेश के गरीबों, मजदूरों को आहत किया है.
पत्र में लिखा गया है कि 25 अप्रैल को जमशेदपुर के कदमा थानांतर्गत एक फल विक्रेता राजकुमार, पिता स्व डोमन पासवान को उच्चस्तरीय निर्देश पर स्थानीय पुलिस केस दर्ज करते हुए इसलिए परेशान करती है कि उसने अपने फल के ठेले पर हिंदू फल दुकान का बैनर लगा रखा था. इस मुद्दे पर तीव्र विरोध के बाद उसके केस उन्हीं पुलिस पदाधिकारियों के द्वारा वापस किये गए हैं. उस फल विक्रेता को धमकी भरे फोन व मैसेज आ रहे हैं. इस मामले की उच्च स्तरीय जांच करायी जानी चाहिए.
पत्र में सरकारी सुरक्षा प्राप्त लोगों की सुरक्षा की समीक्षा करने की मांग की गयी है.
पत्र में कहा गया है कि विगत दिनों सिसई में भीड़ द्वारा आदिवासी परिवार पर घातक हमला हुआ जिसमें एक की हत्या भी हुई, परंतु आज तक इस संबंध में कोई ठोस कार्रवाई नही हुई. यहां तक कि घटना को अंजाम देने वालों के खिलाफ सख्ती दिखाने वाले पुलिस अधीक्षक गुमला को ही स्थानांतरित कर दिया गया.
लोहरदगा में सीएए समर्थन वाली रैली पर हमले हुए और बाद में पुलिस विशेष शाखा की रिपोर्ट में रोहिंग्या लोगों की संलिप्तता की रिपोर्ट ने गहरी साजिश का खुलासा किया परंतु यहां भी रिपोर्ट राज्यहित की जगह तुष्टीकरण से प्रभावित हो गयी. रिपोर्ट पर गंभीरता न दिखाते हुए सरकार ने डीएसपी का ही स्थानांतरण कर दिया.
विगत दिनों देवघर बाबा मंदिर के पास तीन अवैध पासपोर्ट के साथ एक संदिग्ध बंगलादेशी पकड़ा गया परंतु सरकार ने इस खबर को छिपाने का प्रयास किया है.
भाजपा ने इसके पूर्व भी राज्य में बंगलादेशी घुसपैठ के खिलाफ आवाज उठाई है. जब राज्य के मंत्री आलमगीर आलम ने मजदूरों के नाम पर लाॅकडाउन का घोर उल्लंघन कराया उसमे भी बंगलादेशी शामिल हैं.
इसके अतिरिक्त राज्य में अल्पसंख्यक समुदाय विशेष के विभिन्न धार्मिक स्थलों से पकड़े गए विदेशियों की गिरफ्तारी या उन्हें क्वरंटाइन करना हो, हिंदपीढ़ी जैसे हाॅटस्पाट में लाॅकडाउन उल्लंघन पर कार्रवाई हो, मृतक को दफनाना हो, कोरोना योद्धाओं को अपमानित करने वालों के खिलाफ कार्रवाई हो, सभी में राज्य सरकार के निर्णय भेदभावपूर्ण और तुष्टीकरण पर आधारित है.
पत्र में आरोप लगाया गया है कि हेमंत सरकार ने भेदभाव पूर्ण नीति से अपनायी है. पत्र में मांग की गयी है कि इसलिए फल विक्रेता को सुरक्षा दिलाने व अन्य मामलों में सरकार को आवश्यक निर्देश दिया जाए.