हजारीबाग की शोभा ने रचा इतिहास, JPSC में 263वीं रैंक लाकर बनीं प्रेरणा की मिसाल
संकटों से जूझते हुए 18 साल की उम्र में नौकरी, अब बनीं गैजेटेड ऑफिसर
हजारीबाग: की रहने वाली शोभा कुमारी ने झारखंड लोक सेवा आयोग (JPSC) की परीक्षा में 263वीं रैंक प्राप्त कर एक बड़ी सफलता हासिल की है. खास बात यह है कि उन्होंने यह परीक्षा कोटा सिस्टम के तहत लैंग्वेज पेपर से पास की है. उनकी यह कहानी हर उस युवा को प्रेरणा दे सकती है जो विपरीत परिस्थितियों में भी हार नहीं मानते.
संघर्षों से भरा जीवन

कम उम्र में जिम्मेदारियों का बोझ
शोभा कुमारी ने मात्र 18 वर्ष की उम्र में ही डाक सहायक (Postal Assistant) के पद पर काम करना शुरू कर दिया. वे हजारीबाग डाक विभाग में पदमा प्रखंड के दाढ़ीघगर में तैनात थीं. इसके बाद उन्होंने विभागीय परीक्षा पास कर एमटीएस (Multi Tasking Staff) की नौकरी प्राप्त की और हजारीबाग में ही अपनी पोस्टिंग ली.
शिक्षा में कभी समझौता नहीं किया
शोभा की प्रारंभिक शिक्षा हजारीबाग में ही हुई. आर्थिक तंगी के बावजूद उनके माता-पिता ने उन्हें निजी विद्यालयों में पढ़ाया. जब स्कूल में री-एडमिशन करवाने की बारी आती, तो उनकी मां महिला स्वयं सहायता समूह से ₹35,000 का लोन लेकर उनका दाखिला करवाती थीं और पूरे साल मेहनत कर उस लोन को चुकाती थीं.
सपने हुए साकार
आज शोभा कुमारी की मेहनत रंग लाई है. उन्हें झारखंड सरकार में District Sales and Tax Officer (डिस्ट्रिक्ट सेल्स एंड टैक्स ऑफिसर) के पद पर नियुक्त किया जाएगा. उनका JSSC CGL में डॉक्यूमेंट वेरिफिकेशन भी हो चुका है.
पिता का सपना पूरा किया
शोभा बताती हैं कि उनके पिता का सपना था कि वे एक गैजेटेड ऑफिसर बनें. आज उन्होंने न केवल अपने पिता का सपना पूरा किया है, बल्कि अपने पूरे परिवार का भी मान बढ़ाया है. फिलहाल शोभा कुमारी के घर में खुशी का माहौल है.
सुजीत सिन्हा, 'समृद्ध झारखंड' की संपादकीय टीम के एक महत्वपूर्ण सदस्य हैं, जहाँ वे "सीनियर टेक्निकल एडिटर" और "न्यूज़ सब-एडिटर" के रूप में कार्यरत हैं। सुजीत झारखण्ड के गिरिडीह के रहने वालें हैं।
'समृद्ध झारखंड' के लिए वे मुख्य रूप से राजनीतिक और वैज्ञानिक हलचलों पर अपनी पैनी नजर रखते हैं और इन विषयों पर अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत करते हैं।
