अजीबोगरीब मामला: ढक्कन कुतर चूहे पी गए 802 बोतल शराब
विक्रय प्रतिनिधियों का जवाब सुन अधिकारी हुए भौंचके
जब दुकान संचालकों से पूछा गया कि चूहे कैसे शराब पी सकते हैं वह तो बोतल में मुंह तो नहीं डाल पाए होंगे. इस पर जो जवाब मिला, वह और भी भौचका करने वाला था. शराब विक्रेता ने कहा की साहब ढक्कन कुतरने के बाद चूहों ने पूंछ बोतल में डाल दी होगी
धनबाद: झारखंड में अब नई उत्पाद नीति लागू होने के बाद शराब बिक्री निजी हाथों में जाने वाली है. इससे पहले दंडाधिकारियों की उपस्थिति में दुकानों के स्टाक का मिलान हो रहा है. जिसमें शराब घोटाले का विषय चर्चा में बना हुआ है, इसी क्रम में धनबाद में एक अजीबोगरीब मामला सामने आया है. यहां बलियापुर और प्रधानखंता की शराब की दुकानों में 802 बोतल शराब स्टाक से कम मिलीं. जिसमें कुछ खाली बोतलें मिलीं, जिनके ढक्कन टूटे हुए थे. और कुछ बोतलें टूटी हुई मिली जब इसके बारे में उत्पाद विभाग द्वारा दुकान संचालक से पूछा गया तो उनका उत्तर सुन सभी अधिकारी भौचके हो गए. दुकान संचालक का कहना था कि शराब की बोतल को चूहे पी गए हैं.

चूहों ने शराब पी या नहीं, यह विषय तो जांच का है, लेकिन दुकान संचालन करने वाले कर्मचारियों का जवाब इन दिनों पुरे राज्य में चर्चा का विषय बना हुआ है. वही इस मामले में उत्पाद विभाग के अधिकारीयों का कहना है कि यदि शराब की बोतलें टूट जाएं या कम हो जाएं, इससे उत्पाद विभाग को कोई फर्क नहीं पड़ता. स्टाक से कम शराब दुकान में मिलती है तो भरपाई संबंधित कंपनी को करनी होगी. इस बारे में सहायक उत्पाद आयुक्त, धनबाद रामलीला रवानी ने कहा की दो दुकान से जो मामला सामने आया है उसमें जितनी बोतलें कम मिली उसके पूरी रकम आरके कंपनी को भरना होगा. बता दें कि धनबाद में बिक्री का काम आरके कंपनी को मिला था. कंपनी ने शराब बिक्री के लिए मैनपावर उपलब्ध कराया. विभागीय व्यवस्था के तहत वह दुकानों में स्टाक भी विभाग उपलब्ध कराता है.
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सुजीत सिन्हा, 'समृद्ध झारखंड' की संपादकीय टीम के एक महत्वपूर्ण सदस्य हैं, जहाँ वे "सीनियर टेक्निकल एडिटर" और "न्यूज़ सब-एडिटर" के रूप में कार्यरत हैं। सुजीत झारखण्ड के गिरिडीह के रहने वालें हैं।
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