Humanoid robot: चीन सीमा पर तैनात करेगा सुपर-रोबोट, क्षमताएँ ऐसी कि जानकर रह जाएंगे हैरान
सीमा सुरक्षा में चीन की क्रांति
नेशनल डेस्क: चीन वियतनाम सीमा से सटे गुआंगशी प्रांत के बॉर्डर चेकपोस्ट पर इंसान जैसे ह्यूमनॉइड रोबोट तैनात करने जा रहा है, जिन्हें यूबीटेक रोबोटिक्स नाम की कंपनी तैयार कर रही है। कंपनी को 264 मिलियन युआन यानी करीब 37 मिलियन अमेरिकी डॉलर का ऑर्डर मिला है और दिसंबर से ये रोबोट आधिकारिक तौर पर ड्यूटी पर दिखने लगेंगे। यह प्रोजेक्ट फांगचेंगगांग शहर के ह्यूमनॉइड रोबोट सेंटर के साथ मिलकर चल रहा है, जो वियतनाम की सीमा के बिल्कुल नजदीक स्थित है।

ऊर्जा के मामले में वॉकर S2 की सबसे बड़ी खासियत इसकी सेल्फ बैटरी-स्वैपिंग क्षमता है, यानी जब इसकी बैटरी खत्म होने लगती है तो यह खुद ही नई बैटरी लगा सकता है। रिपोर्ट के मुताबिक यह पूरी प्रक्रिया केवल करीब तीन मिनट में पूरी हो जाती है, जिसके बाद रोबोट तुरंत फिर से काम पर लौट सकता है और दिन‑रात लगातार ऑपरेशन में बना रह सकता है। मूवमेंट की बात करें तो यह 7.2 किलोमीटर प्रति घंटा तक की रफ्तार से चल सकता है और भारी सामान उठाते हुए भी अपना संतुलन बनाए रखता है, जिससे ऊबड़‑खाबड़ या भीड़भाड़ वाले इलाकों में गश्त करना आसान हो जाता है।
इन रोबोट्स को इंसान जैसा विजुअल परसेप्शन देने के लिए इनके सिर में दो कैमरे लगाए गए हैं, ठीक वैसे ही जैसे इंसान की दो आंखें होती हैं। इन कैमरों की मदद से यह दूर‑नजदीक की दूरी का अंदाजा लगा पाते हैं, रास्ता पहचानते हैं और आसपास के माहौल को थ्री‑डाइमेंशनल रूप में समझकर नेविगेट करते हैं। इनके अंदर एक खास ‘ब्रेन’ यानी कंप्यूटिंग यूनिट लगाई गई है, जो रियल‑टाइम डेटा के आधार पर खुद निर्णय लेती है और मुश्किल परिस्थितियों में भी रोबोट को काम जारी रखने में मदद करती है।
बॉर्डर पर इनका रोल पेट्रोलिंग, गश्त, ट्रैफिक मैनेजमेंट और यात्रियों को गाइड करने से लेकर लोगों की लाइन लगवाने, सामान ढोने और दुकानों में मदद करने जैसे तमाम कामों तक फैला होगा। इसके साथ ही स्टील, तांबा और एल्यूमिनियम की फैक्टरियों में भी इन्हें जांच‑पड़ताल और निरीक्षण के लिए लगाया जाएगा, जहां जोखिम भरे माहौल में इंसानों की जगह ये रोबोट काम संभालेंगे। इससे चीन पहली बार बड़े पैमाने पर सरकारी कामकाज में ह्यूमनॉइड रोबोट्स की तैनाती कर रहा है, जिसे रोबोट इंडस्ट्री को बढ़ावा देने की बड़ी रणनीति के तौर पर देखा जा रहा है।
चीन में इससे पहले भी कई जगहों पर रोबोट इस्तेमाल हो रहे हैं, जैसे हांगझोउ एयरपोर्ट पर यात्रियों के सवालों के जवाब देने वाले रोबोट और तियानजिन में हुए शंघाई कोऑपरेशन समिट में मल्टी‑लैंग्वेज बातचीत करने वाला रोबोट। शेनझेन, शंघाई और चेंगदू जैसे शहरों में पुलिस गश्त के लिए पहले से ही रोबोट तैनात हैं, जो सड़कों पर निगरानी और सुरक्षा संबंधी काम करते हैं। हाल ही में चीन ने नेशनल ह्यूमनॉइड रोबोट कमेटी भी बनाई है, जिसमें देश की बड़ी टेक कंपनियों के प्रतिनिधि शामिल हैं और जिनका फोकस अस्पतालों, बुजुर्गों की देखभाल, शहर की सफाई, ट्रैफिक कंट्रोल तथा मेट्रो में सामान पहुंचाने जैसे क्षेत्रों में रोबोट्स के उपयोग को तेजी से बढ़ाना है।
अब बॉर्डर पर वॉकर S2 जैसे ह्यूमनॉइड रोबोट्स की तैनाती से चीन की कोशिश है कि सुरक्षा, उद्योग और पब्लिक सर्विस को मिलाकर एक ऐसा ऑटोमेशन इकोसिस्टम तैयार किया जाए, जिसमें इंसान खतरनाक और थकाऊ कामों से काफी हद तक मुक्त हो सकें। यह कदम भविष्य की ‘स्मार्ट बॉर्डर’ और ‘रोबोट‑ड्रिवन गवर्नेंस’ की दिशा में बड़ा प्रयोग माना जा रहा है, जहां मशीनें चौबीसों घंटे निगरानी, डेटा कलेक्शन और फील्ड‑लेवल फैसले लेने में इंसानी टीमों की मदद करेंगी।
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