बंगाल विधानसभा में टीएमसी-बीजेपी भिड़ंत, विधायक शंकर घोष को अस्पताल भेजा गया
कोलकाता: गुरुवार को पश्चिम बंगाल विधानसभा बेहद तनावपूर्ण माहौल में रही। सतारूढ़ टीएमसी और विपक्षी बीजेपी के विधायकों के बीच एक सरकारी प्रस्ताव पर जमकर बहस और हंगामा हुआ। बहस के दौरान दोनों पक्षों के विधायकों ने नारेबाजी और विरोध प्रदर्शन किया। इस बीच बीजेपी विधायक शंकर घोष की तबीयत बिगड़ गई और उन्हें तत्काल एंबुलेंस से अस्पताल भेजा गया।
क्या था विवाद का कारण?
- सरकारी प्रस्ताव पर चर्चा के दौरान विपक्ष ने नारेबाजी और जोरदार विरोध किया।

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कड़ी आपत्ति जताते हुए टीएमसी व बीजेपी विधायकों में हाथापाई की स्थिति बन गई।
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हंगामे में शंकर घोष बेहोश हो गए।
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मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने स्थिति को संभालने की कोशिश की, लेकिन माहौल शांत नहीं हुआ।
प्रस्ताव से जुड़े मुद्दों पर बहस
विधानसभा में भ्रष्टाचार से जुड़े एक सरकारी प्रस्ताव को पेश किया गया। टीएमसी ने इस प्रस्ताव का समर्थन किया जबकि बीजेपी दमदार विरोध करती रही। मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा कि सरकार प्रस्ताव पर खुली चर्चा के लिए तैयार है। दूसरी ओर, विपक्ष सड़क पर उतरने की चेतावनी देता रहा।
महिला विधायक पर कार्रवाई
हंगामे के बाद महिला भाजपा विधायक अग्निमित्रा पॉल को सदन से निलंबित कर दिया गया। स्पीकर ने अनुशासन का हवाला देते हुए सख्ती दिखाई। सदन में शिष्टता बनाए रखने और गलत संदेश समाज में न जाए, इस पर सभी विधायकों को सचेत किया गया।
बीजेपी के आरोप, टीएमसी का जवाब
बीजेपी ने घटना को लेकर आरोप लगाया कि ममता सरकार बार-बार सड़क पर आंदोलन को उकसा रही है, जिससे लोकतांत्रिक व्यवस्था खतरे में पड़ जाती है। जवाब में टीएमसी ने भाजपा के व्यवहार को गैर-जिम्मेदाराना बताया और कहा कि सरकार सभी मुद्दों पर बहस करने को तैयार है।
मुख्यमंत्री ममता बनर्जी का बयान
ममता बनर्जी ने विपक्षी पार्टी पर आरोप लगाया कि वे सदन की गरिमा और व्यवस्था को बार-बार भंग कर रहे हैं। उन्होंने भ्रष्टाचार और जनहित के मुद्दों पर सरकार का पक्ष स्पष्ट किया।
पश्चिम बंगाल विधानसभा में तकरार के कारण सदन की कार्यवाही बाधित रही। टीएमसी और बीजेपी के बीच टकराव ने राज्य की राजनीति में फिर से हलचल मचा दी है।
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