भारत-अमेरिका में फिर तल्खी: रूसी तेल पर विवाद के बीच इंडियन आर्मी ने याद दिलाया 1971 का इतिहास
जब अमेरिका ने पाकिस्तान को दिए थे हथियार
नई दिल्ली: भारत और अमेरिका के बीच एक बार फिर कूटनीतिक तल्खी देखने को मिली, जब भारतीय सेना ने 1971 के युद्ध की एक ऐतिहासिक क्लिप शेयर कर अमेरिका को अप्रत्यक्ष रूप से जवाब दिया। इस क्लिप में यह दिखाया गया कि 1954 से 1971 के बीच अमेरिका ने पाकिस्तान को करीब 2 अरब डॉलर के हथियार भेजे थे, जो भारत के खिलाफ इस्तेमाल किए गए।

https://twitter.com/easterncomd/status/1952589020497690782
भारतीय सेना की ओर से आई यह 'थ्रोबैक' पोस्ट न केवल इतिहास की याद दिलाने वाला था, बल्कि यह यह भी दिखाता है कि भारत को अमेरिका से नैतिकता का पाठ पढ़ाने की ज़रूरत नहीं है, खासकर जब अमेरिका खुद पाकिस्तान को 1971 में हथियार देता रहा।
क्या था ट्रंप का बयान?
सोशल मीडिया पर डोनाल्ड ट्रंप ने अपनी एक पोस्ट में भारत को धमकी देते हुए लिखा, "भारत रूस से बड़ी मात्रा में सिर्फ तेल नहीं खरीद रहा, बल्कि खरीदे गए इस तेल का एक बड़ा हिस्सा बेचकर भारी मुनाफा भी कमा रहा है. उसे इस बात की परवाह नहीं है कि रूस की वॉर मशीन यूक्रेन में कितने लोगों को मार रही है. यही वजह है कि मैं भारत पर टैरिफ बढ़ाने जा रहा हूं."
भारत के विदेश मंत्रालय ने भी साफ किया कि भारत अपनी ऊर्जा ज़रूरतों के अनुसार फैसले लेता है और कोई भी दबाव उसकी रणनीतिक स्वायत्तता को प्रभावित नहीं कर सकता। साथ ही ये भी कहा गया कि भारत 'इंडिया फर्स्ट' नीति पर चलता है और किसी भी बाहरी दबाव के आगे नहीं झुकेगा।
विशेषज्ञों का मानना है कि यह विवाद अब केवल व्यापारिक नहीं, बल्कि रणनीतिक स्वायत्तता और वैश्विक शक्ति संतुलन का मामला बन चुका है। ऐसे में 1971 का इतिहास फिर से याद दिलाता है कि भारत किसी भी महाशक्ति के आगे न तब झुका था, न अब झुकेगा।
यह पूरी घटना बताती है कि भारत अपने आत्मसम्मान, इतिहास और भविष्य तीनों की रक्षा के लिए पूरी तरह तैयार है – चाहे सामने कोई भी ताकत क्यों न हो।
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