कृषि योगदान बढ़ने से ही भारत बनेगा विकसित राष्ट्र: नितिन गडकरी
उत्पादकता और लागत पर जोर
केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने कहा कि 2047 तक भारत को विकसित राष्ट्र बनाने के लिए कृषि का जीडीपी में योगदान 18% से बढ़ाकर 26% करना होगा। उन्होंने बताया कि रोजगार, एथनॉल उत्पादन और उत्पादकता में वृद्धि से गांवों का पलायन रुकेगा तथा आत्मनिर्भर भारत का सपना साकार होगा।
नई दिल्ली: केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने कहा कि देश को 2047 तक विकसित राष्ट्र बनाने के लिए कृषि क्षेत्र का सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) में योगदान बढ़ाना जरूरी है। जब तक कृषि का योगदान 18 प्रतिशत से बढ़ाकर कम से कम 26 प्रतिशत नहीं होगा, तब तक प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का आत्मनिर्भर भारत का सपना पूरा नहीं हो पाएगा।

आज भी 65 प्रतिशत आबादी कृषि पर निर्भर है, लेकिन आर्थिक मजबूरियों के चलते 30 प्रतिशत से अधिक ग्रामीण आबादी शहरों की ओर पलायन कर चुकी है। यदि गांवों में रोजगार के अवसर बढ़ेंगे तो पलायन रुक जाएगा।
कोविड-19 महामारी के दौरान जहां अन्य वस्तुओं की उपलब्धता में कठिनाई हुई, वहीं खाद्यान्न की कमी महसूस नहीं हुई। देश ने बायो-फ्यूल और वैकल्पिक ईंधन को अपनाया है। पिछले वर्ष 1,400 करोड़ लीटर एथनॉल का उत्पादन हुआ, जिसमें 70 प्रतिशत हिस्सा फूड ग्रेन से बना। इसके बावजूद खाद्यान्न संकट नहीं आया।
उन्होंने उदाहरण देते हुए कहा कि मक्के से एथनॉल उत्पादन की अनुमति मिलने के बाद मक्के की कीमत 1,200 रुपये प्रति क्विंटल से बढ़कर 2,800 रुपये प्रति क्विंटल हो गई है। इसके चलते बिहार और उत्तर प्रदेश सहित अन्य राज्यों में मक्के की खेती तीन गुना बढ़ी है। वर्तमान में 22 प्रतिशत एथनॉल का उत्पादन मक्के से हो रहा है। कृषि क्षेत्र की उत्पादकता बढ़ाने के साथ-साथ उत्पादन लागत कम करना भी समान रूप से जरूरी है। तभी जीडीपी में कृषि का योगदान बढ़ेगा और विकसित भारत का सपना साकार होगा।
Mohit Sinha is a writer associated with Samridh Jharkhand. He regularly covers sports, crime, and social issues, with a focus on player statements, local incidents, and public interest stories. His writing reflects clarity, accuracy, and responsible journalism.
