दिल्ली आश्रम कांड: 17 छात्राओं ने लगाया बाबा पर यौन शोषण का आरोप, फर्जी UN नंबर प्लेट और भागता आरोपी!
नई दिल्ली: दक्षिण-पश्चिमी दिल्ली के वसंत कुंज इलाके में स्थित श्री शारदा इंस्टीट्यूट ऑफ इंडियन मैनेजमेंट एंड रिसर्च की छात्राओं ने संस्थान के संचालक और शिक्षकों के खिलाफ गंभीर आरोप लगाए हैं। छात्राओं ने प्रशासन से शिकायत की कि स्वामी चैतन्यानंद सरस्वती (पूर्व नाम डॉ. पार्थ सारथी) उन्हें अश्लील संदेश भेजते थे, अभद्र भाषा बोलते थे और कई बार जबरन छूने की कोशिश करते थे.

पुलिस वसंतकुंज (नार्थ) थाने में धारा 354 (छेड़छाड़), 354A (यौन उत्पीड़न), 506 (धमकी), 509 (शब्द, हावभाव द्वारा अपमान), 420 (धोखाधड़ी) समेत कई गंभीर धाराओं में मामला दर्ज कर चुकी है. कुल 17 छात्राओं के बयान दर्ज किए गए हैं, जिनमें कई पीड़िताओं ने विस्तार से आपबीती साझा की.
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वार्डन एवं अन्य सहयोगियों पर भी सवाल
छात्राओं ने बताया कि संस्थान में कुछ वार्डन और स्टाफ बाबा के संपर्क में आने और उनकी ‘इच्छाएं’ पूरी करने के लिए छात्राओं पर अलग-अलग तरह का मानसिक दवाब बनाते थे। कॉलेज प्रशासन की ओर से भी मामले को दबाने या बच्चियों को चुप करवाने के प्रयास किए गए। इन्हीं सब समस्याओं के चलते कई छात्राएं डरी हुई थीं और काफी समय बाद शिकायत दर्ज करा पाईं.
संस्थान और श्रृंगेरी पीठ का दावा
श्रृंगेरी शारदापीठ ने त्वरित और सख्त कदम उठाते हुए आरोपी स्वामी चैतन्यानंद सरस्वती से अपने सभी संबंध समाप्त कर लिए हैं। पीठ की ओर से स्पष्ट कर दिया गया है कि इस घटना की सूचना मिलते ही आरोपी को संस्थान से बाहर कर दिया गया. संस्थान का संचालन डॉ. कृष्णा वेंकटेश की अध्यक्षता वाली गवर्निंग काउंसिल करती है। गवर्निंग काउंसिल ने आश्वासन दिया कि शिक्षा और छात्राओं के भविष्य में कोई बाधा नहीं आने दी जाएगी, और सभी गतिविधियां नियंत्रित निगरानी में चलेंगी.
पुलिस कार्रवाई और मौजूदा स्थिति
दिल्ली पुलिस ने आरोपी की गिरफ्तारी के लिए कई टीमों का गठन किया है। उसकी आखिरी लोकेशन आगरा के आसपास ट्रेस हुई है, लेकिन पुलिस अभी तलाश में जुटी है। पुलिस ने सारी डिजिटल सामग्री, सीसीटीवी फुटेज और छात्राओं के बयान फॉरेंसिक जांच के लिए भेज दिए हैं.
वरिष्ठ पुलिस अधिकारी का कहना है कि आरोप गंभीर हैं और छात्राओं के बयान कोर्ट के समक्ष 183 CRPC के तहत दर्ज करवाए गए हैं। जांच को निष्पक्ष और पारदर्शी रखने के लिए स्वतंत्र एजेंसियां भी शामिल की गई हैं। पीड़ित छात्राओं और उनके परिवारों की सुरक्षा पर भी पुलिस खास नजर रखे हुए है.
जानिए, आरोपी बाबा की पारिवारिक और संस्थानिक पृष्ठभूमि
स्वामी चैतन्यानंद सरस्वती उर्फ डॉ. पार्थ सारथी दक्षिण भारत के एक प्रमुख मठ का पूर्व संचालक रह चुका है। बताया जा रहा है कि वह लंबे समय तक दिल्ली स्थित इस संस्थान में गवर्निंग पोजिशन पर रहा। उसकी स्वयं की वेबसाइट और सोशल मीडिया पर भी महंगी लाइफस्टाइल और आलीशान गाड़ियों की तस्वीरें मौजूद हैं.
संस्थान की वैधता और आश्वस्ति
श्री शारदा इंस्टीट्यूट, AICTE से मान्यता प्राप्त संस्थान है। हालिया घटनाक्रम के बाद इसकी गवर्निंग बॉडी ने लिखित बयान जारी कर कहा कि छात्राएं निर्भय होकर कोई भी शिकायत करें, हर मुद्दे पर निष्पक्ष और त्वरित कार्रवाई होगी। किसी भी बाहरी दबाव को संस्थान में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा.
यह सनसनीखेज मामला न सिर्फ शिक्षण संस्थानों में सुरक्षा पर सवाल उठाता है, बल्कि व्यवस्थागत खामियों और प्रशासनिक जवाबदेही को लेकर भी गहरी चिंता पैदा करता है। पूरे प्रकरण की जांच तेज़ी से आगे बढ़ रही है और उम्मीद जताई जा रही है कि दोषियों को सख्त सजा मिलेगी तथा छात्राओं की सुरक्षा सर्वोच्च प्राथमिकता पर रखी जाएगी।
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