Malegaon Blast: रिहाई के बाद साध्वी प्रज्ञा का बड़ा हमला, 'भगवा नहीं, आतंकवाद का रंग हरा होता है'
रिहाई के बाद साध्वी का पहला बड़ा बयान
नई दिल्ली: 2008 के मालेगांव बम धमाके मामले में 17 साल बाद आए विशेष NIA अदालत के फैसले ने जहां सभी सात आरोपियों को बरी कर दिया, वहीं इस मामले पर राजनीतिक और सामाजिक बहस का एक नया अध्याय शुरू हो गया है। मामले में बरी हुईं पूर्व सांसद साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर ने अपनी रिहाई के बाद आतंकवाद को लेकर एक ऐसा बयान दिया है, जिसने एक नए विवाद को जन्म दे दिया है।

साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर अपने गृह नगर भोपाल पहुचने के बाद मीडिया से बात करते हुए साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर ने कहा, "आतंकवाद का रंग हरा होता है। यह हरे झंडे के नीचे ही पनपता है।" उन्होंने इस फैसले को "भगवा की विजय" और "सनातन की विजय" करार दिया। अपने बयानों में उन्होंने पूर्ववर्ती कांग्रेस की यूपीए सरकार पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि "भगवा आतंकवाद" जैसा कोई शब्द नहीं होता, बल्कि यह कांग्रेस द्वारा हिंदुओं और सनातन धर्म को बदनाम करने के लिए गढ़ा गया एक राजनीतिक षड्यंत्र था। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि जांच एजेंसियों ने उन पर दबाव बनाया और उन्हें प्रताड़ित किया।
उल्लेखनीय है कि खुद अदालत ने अपने फैसले में यह टिप्पणी की थी कि आतंकवाद का कोई धर्म नहीं होता।
यह मामला एक बार फिर इस बहस को सामने ले आया है कि क्या आतंकवाद का कोई धर्म होता है और क्या राजनीतिक लाभ के लिए धर्म का इस्तेमाल किया जाना चाहिए। फिलहाल, साध्वी प्रज्ञा के बयान ने मालेगांव ब्लास्ट मामले को कानूनी दायरे से निकालकर एक बार फिर राजनीतिक अखाड़े के केंद्र में ला खड़ा किया है।
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