प्रवासी श्रमिकों के लिए ट्रेनों के परिचालन पर केंद्र व ममता सरकार में ठनी, पीयूष गोयल ने लगाये गंभीर आरोप

नयी दिल्ली : प्रवासी श्रमिकों के लिए ट्रेनों के परिचालन के मुद्दे पर पश्चिम बंगाल की ममता बनर्जी सरकार व केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार के बीच ठन-सी गयी है. रेल मंत्री पीयूष गोयल ने आज ट्वीट कर पश्चिम बंगाल सरकार पर गंभीर आरोप लगाये. उन्होंने कहा है कि पश्चिम बंगाल को अभी 105 ट्रेनें रोजाना चलाने की जरूरत है, वहीं अनकन्फम्र्ड समाचार है कि अगले 30 दिनों के लिए उन्होंने सिर्फ 105 ट्रेनों की अनुमति लिस्ट तैयार की है. यह पश्चिम बंगाल के कामगारों के साथ क्रूर मजाक है.
मैं प.बंगाल सरकार से अपील करता हूं कि कोरोना महामारी के इस संकट से उबारने में हमारे मजदूर भाईयों के हितों के बारे में कुछ सोचे, और उन्हें घर पहुंचाने के लिये जल्द से जल्द श्रमिक स्पेशल ट्रेनों को चलाने की अनुमति दे।— Piyush Goyal (@PiyushGoyal) May 14, 2020
पीयूष गोयल ने कहा है कि पश्चिम बंगाल सरकार अपनी गहरी नींद से जगी. वहां की सरकार ने प्रवासी मजदूरों के लिए अब तक केवल सात ट्रेनों की अनुमति दी है. बड़ी संख्या में पश्चिम बंगाल के कामगार अपने घरों से दूर हैं, इसलिए मैंने उनसे अधिक ट्रेन चलाने की परमिशन देने देने की अपील की थी.
रेल मंत्री ने आरोप लगाया है कि पश्चिम बंगाल सरकार ने अपने पिछले हफ्ते की घोषणा के अनुसार, आठ ट्रेनों को भी चलाने नहीं दिया. उन्होंने पश्चिम बंगाल सरकार से अपील की कि इस संकट में मजदूर भाइयों के हितों के बारे में कुछ सोचें और उनके लिए श्रमिक विशेष ट्रेन चलाने की अनुमति दें.
उत्तर प्रदेश ने 15 दिन से भी कम समय में 400 ट्रेनों को मंजूरी देकर अपने प्रवासी कामगारों को घर पहुंचाया। इस तरह की सक्रियता दिखाने की बजाय प.बंगाल की सरकार मजदूरों को जल्दी सहायता पहुंचाने से रोक रही है।
प.बंगाल के गरीब मजदूरों को वहां की सरकार अपने घर नही आने दे रही है।
— Piyush Goyal (@PiyushGoyal) May 14, 2020