पश्चिम बंगाल: मनरेगा मजदूरी भुगतान मामले की सुनवाई को लेकर हाइकोर्ट ने कही बड़ी बात
कोलकाता : कलकत्ता हाईकोर्ट ने पश्चिम बंगाल के मनरेगा श्रमिकों की बकाया मजदूरी मामले से संबंधित याचिका की सुनवाई के क्रम में बड़ी बात कही है। अदालत ने टिप्पणी की है कि अनाज से भूसा अलग करो। अदालत ने पश्चिम बंग खेत मजूर समिति द्वारा दायर की गयी एक याचिका की सुनवाई के क्रम में वास्तविक श्रमिकों की पहचान करने और उन्हें मजदूरी का भुगतान करने के लिए कहा।
उन्होंने जोर देकर कहा कि सभी प्राधिकारणों को यह सुनिश्चित करने का प्रयास करना चाहिए कि 2005 के अधिनियम के तहत लाभार्थियों तक इसका लाभ पहुंचे।
मामले की सुनवाई के दौरान राज्य सरकार ने दावा किया कि उसने अबतक चार कार्रवाई रिपोर्ट केंद्र सरकार को भेजी है। नवीनतम पत्राचार दो मार्च 2023 को किया गया, जिसका अबतक कोई जवाब नहीं मिला है। दूसरी ओर केंद्र सरकार ने दावा किया है कि राज्य सरकार के उत्तर संतोषजनक नहीं थे, इसलिए उसने अपने पत्र दिनांक नौ मार्च 2022 द्वारा धारा 27 ाको लागू किया था और अबतक इसे रद्द नहीं किया है।
केंद्र सरकार के वकील ने 2022 के डब्ल्यूपीए 555 का भी हवाला दिया, जिसमें विपक्ष के नेता शुभेंदु अधिकारी ने मनरेगा के तहत राज्य में धन की हेराफेरी से संबंधित कई मुद्दों को उठाने के लिए एक जनहित याचिका दायर की थी।
कोर्ट ने मामले को जुलाई माह की मासिक सूची में सूचीबद्ध करने को कहा है। पश्चिम बंगाल खेत मजदूर संघ के मामले को शुभेंदु अधिकारी के मामले के साथ जोड़ने के लिए भी कहा है। दोनों की सुनवाई एक साथ होगी।
याचिकाकर्ताओं का प्रतिनिधित्व विकास रंजन भट्टाचार्य एवं पूबायन चक्रवर्ती ने किया।