भाजपा सांसद ने भी उठायी जातिगत जनगणना की बात, कही – इससे पिछड़ा वर्ग को होगा लाभ
लखनऊ : नरेंद्र मोदी सरकार के लिए जातिगत जनगणना की मांग एक चुनौती बन गयी है। एनडीए के अहम सहयोगी बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के बाद कई प्रमुख नेताओं ने इस आशय की मांग की है। अब भाजपा की सांसद संघमित्रा मौर्य ने भी जातिगत जनगणना की मांग उठा दी है। उत्तरप्रदेश विधानसभा चुनाव ऐ ऐन पहले अपनी ही सांसद द्वारा ऐसी मांग से भाजपा के सामने असहज स्थिति उत्पन्न हो सकती है।

मुझे उत्तर प्रदेश को देखकर ऐसा लगता है कि पिछड़ा वर्ग अभी पिछड़ा हुआ है, कुछ एक-दो समाज को छोड़कर। अगर जातिगत जनगणना होती है तो उससे OBC को फायदा होने वाला है: भाजपा सांसद संघमित्रा मौर्य pic.twitter.com/1kZN4q1j2r
— ANI_HindiNews (@AHindinews) August 11, 2021
संघप्रिया मौर्य ने ओबीसी बिल की तारीफ करते हुए इसे पिछड़ा वर्ग के लिए मददगार बताया। उन्होंने कहा कि आजादी के बाद कांग्रेस के शासन में कोई जातिगत जनगणना नहीं हुई। आखिरी बार 1931 में ऐसा हुआ था। उन्होंने कहा कि जातिगत जनगणना की मांग लंबे वक्त से है, इससे ओबीसी वर्ग को लाभ होगा और यह होना चाहिए।
OBC bill will be helpful, especially in UP. Post-independence, no caste census under Congress, last was done in 1931… This demand for caste census has been there for a long time, it will benefit OBCs and a caste census should take place, indeed: BJP MP Sanghamitra Maurya, pic.twitter.com/WLC2JPVHah
— ANI (@ANI) August 11, 2021
मालूम हो कि बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को इसको लेकर पत्र भी लिखा है कि जातिगत जनगणना होनी चाहिए। बिहार की मुख्य विपक्ष राजद भी जोरशोर से जातिगत जनगणना की मांग उठा रही है और उसके नेता तेजस्वी यादव इस मांग को लेकर नीतीश कुमार से मिले भी हैं। वहीं, जदयू के एक सांसद ने बयान दिया था कि अगर केंद्र सरकार जातिगत जनगणना नही कराती है तो बिहार सरकार खुद ऐसा कराएगी।
उधर, उत्तरप्रदेश में मुख्य विपक्ष समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने भी जातिगत जनगणना की मांग उठायी है। सपा ने यह भी कहा है कि अगर उसकी सरकार बनती है तो वह ऐसा करवाएगी।
आरएसएस की विचारधारा पर चलने वाली भाजपा हमेशा से जातिगत जनगणना की विरोधी रही है। भाजपा के इस लिए मांग को स्वीकार करने एक वैचारिक पलायान होगा, जो शायद ही वह करे। ऐसे में अपने सांसदों के साथ दूसरे दलों को भी वह कैसे साधेगी यह देखना दिलचस्प होगा।
कौन हैं संघमित्रा मौर्य?
36 वर्षीया संघमित्रा मौर्य उत्तरप्रदेश की बदांयू लोकसभा सीट से भाजपा की सांसद हैं। वे यूपी के प्रमुख नेता स्वामी प्रसाद मौर्य की बेटी हैं। स्वामी प्रसाद मौर्य इस वक्त योगी आदित्यनाथ सरकार में मंत्री भी हैं। स्वामी प्रसाद मौर्य पहले बसपा में थे और पार्टी के बड़े पिछड़ा चेहरा थे, हालांकि बाद में मौके की नजाकत को भांपते हुए वे भाजपा में चले गए। उनकी बेटी संघप्रिया मौर्य भी पहले बसपा में थीं और बसपा के टिकट पर 2014 में मैनपुरी से मुलायम सिंह यादव के खिलाफ चुनाव भी लड़ चुकी हैं। संघप्रिया मौर्य पेशे से डॉक्टर हैं।
