Simdega News: जिला स्तरीय मुखिया सम्मेलन–2025 का भव्य आयोजन, शिक्षा सुधार पर जोर
पंचायत स्तर पर निगरानी बढ़ाने से सुधरेगी उपस्थिति और पठन–पाठन
सिमडेगा के केलाघाघ डैम में आयोजित जिला स्तरीय मुखिया सम्मेलन–2025 में शिक्षा सुधार, विद्यालय निगरानी, नामांकन वृद्धि, ड्रॉपआउट रोकथाम और समुदाय सहभागिता पर विशेष जोर दिया गया। उपायुक्त कंचन सिंह और एसपी एम. अर्शी ने पंचायत प्रतिनिधियों से विद्यालयों में सक्रिय भूमिका निभाने का अनुरोध किया।
सिमडेगा : झारखंड शिक्षा परियोजना समग्र शिक्षा, सिमडेगा द्वारा जिले के प्रसिद्ध पर्यटन स्थल केलाघाघ डैम में जिला स्तरीय मुखिया सम्मेलन–2025 का भव्य और सफल आयोजन किया गया। सम्मेलन का उद्देश्य पंचायत स्तरीय जनप्रतिनिधियों को विद्यालय प्रबंधन, शिक्षा की गुणवत्ता, नामांकन वृद्धि, ड्रॉपआउट रोकथाम, आधारभूत सुविधाओं के विकास तथा समुदाय की सहभागिता जैसे शैक्षिक पहलुओं के प्रति जागरूक करना था।
उपायुक्त कंचन सिंह ने किया उद्घाटन

“मुखिया विद्यालयों के संरक्षक” : उपायुक्त
उपायुक्त ने कहा कि पंचायत प्रतिनिधि—विशेषकर मुखिया—ग्रामीण शिक्षा व्यवस्था की सबसे महत्वपूर्ण कड़ी हैं। उन्होंने कहा कि विद्यालयों की प्रगति मुखिया की नेतृत्व क्षमता पर निर्भर करती है। नियमित निगरानी से नामांकन और उपस्थिति में सुधार संभव है। शिक्षक-छात्र उपस्थिति, साफ-सफाई, एमडीएम व्यवस्था पर विशेष ध्यान देने की आवश्यकता है। उन्होंने सुझाव दिया कि जिन पंचायतों में कई गांव हैं, वहाँ वार्ड सदस्य अलग-अलग विद्यालयों का निरीक्षण करें। कई बार बिना बताए विद्यालय में कुछ समय बैठना भी प्रभावी निरीक्षण साबित होता है।
आवासीय विद्यालयों के बच्चों के भावनात्मक सहयोग पर जोर
उपायुक्त ने आवासीय विद्यालयों में रह रहे छोटे बच्चों की जरूरतों पर भी ध्यान आकर्षित किया। उन्होंने मुखियाओं से अपील की कि वे सप्ताह में कुछ समय बच्चों के साथ बिताएँ, खेल-कूद कराएँ, प्रेरणात्मक बातें साझा करें और पढ़ाई में मार्गदर्शन दें। उन्होंने कहा कि यह छोटा प्रयास बच्चों के जीवन में बड़ा बदलाव ला सकता है।
पर्यटन और पर्यावरण संरक्षण की दिशा में पहल
उपायुक्त ने कहा कि सम्मेलन को केलाघाघ डैम में आयोजित करने का उद्देश्य जनप्रतिनिधियों को जिले के पर्यटन की संभावनाओं से अवगत कराना था। उन्होंने सुझाव दिया कि पंचायतों में पर्यटन समितियाँ सक्रिय हों, पार्किंग शुल्क व्यवस्था लागू की जाए, गंदगी फैलाने वालों पर जुर्माना लगे और पिकनिक स्थलों पर पॉलिथीन, प्लास्टिक व थर्मोकोल पर पूर्ण प्रतिबंध लगाया जाए। उन्होंने कहा कि सिमडेगा पर्यावरण संरक्षण को लेकर गंभीर है और प्लास्टिक प्रदूषण रोकने के लिए पंचायत प्रतिनिधि जनता को जागरूक करें। उन्होंने यह भी कहा कि जिन बच्चों के जाति या आवासीय प्रमाण पत्र बनाने में तकनीकी अड़चनें हों, उनकी सूची सीधे प्रशासन को उपलब्ध कराई जाए ताकि समयबद्ध समाधान सुनिश्चित हो।
एसपी एम. अर्शी : “शिक्षा के लिए ग्राम स्तर पर जागरूकता जरूरी”
पुलिस अधीक्षक एम. अर्शी ने कहा कि मुखिया गांव के सबसे जागरूक और सक्षम प्रतिनिधि होते हैं। यदि वे संकल्प लेकर कार्य करें तो हर बच्चा बेहतर शिक्षा प्राप्त कर सकता है। उन्होंने सभी प्रतिनिधियों से अपनी जिम्मेदारियों को निष्ठा, ईमानदारी एवं संवेदनशीलता के साथ निभाने की अपील की।
जनप्रतिनिधियों ने रखी समस्याएँ और सुझाव
इस सम्मेलन में जिला परिषद उपाध्यक्ष सहित विभिन्न पंचायतों के मुखियाओं ने कई मुद्दे उठाए। उन्होंने बताया कि डोमरा, चिकबड़ाईक, मलार, तुरी आदि समुदायों के बच्चों के जाति प्रमाण पत्र बनाने में दस्तावेजों की कमी के कारण कठिनाई होती है, जिससे शिक्षा और छात्रवृत्ति योजनाओं में परेशानी होती है। परित्यक्त या एकल महिलाओं के बच्चों के प्रमाण पत्र निर्गत करने में भी समस्याएँ आती हैं। उपायुक्त ने आश्वस्त किया कि ऐसे सभी मामलों का समाधान प्राथमिकता के साथ किया जाएगा और जनप्रतिनिधियों से ऐसे बच्चों की सूची उपलब्ध कराने को कहा।
नीति आयोग मानकों में सुधार
पिरामल फाउंडेशन के सोमेन ने बताया कि इस वर्ष प्राथमिक और उच्च प्राथमिक शिक्षा के नीति आयोग मानकों में सुधार दर्ज किया गया है। समसेरा और बीरू के मुखियाओं ने भी अपने विचार रखे।
सम्मेलन का समापन
सम्मेलन में स्वागत संबोधन जिला शिक्षा अधीक्षक ने दिया तथा धन्यवाद ज्ञापन ए.डी.पी.ओ. द्वारा किया गया। कार्यक्रम सफलतापूर्वक संपन्न हुआ।
