दिशोम गुरुजी को भारत रत्न देने का प्रस्ताव विधानसभा से पारित कर केंद्र को भेजे सरकार: विनोद कुमार पांडेय
गुरुजी ने मुख्यमंत्री और केंद्रीय मंत्री रहते हुए सदैव जनहित को सर्वोपरि रखा
झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) के महासचिव विनोद कुमार पांडेय ने कहा है कि झारखंड विधानसभा के पूरक मानसून सत्र (22 से 28 अगस्त) को ऐतिहासिक बनाते हुए सत्ताधारी दल को चाहिए कि वह स्मृति-शेष दिशोम गुरुजी शिबू सोरेन को भारत रत्न देने का प्रस्ताव सदन से पारित कर केंद्र सरकार को भेजें।
रांची: झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) के महासचिव विनोद कुमार पांडेय ने कहा है कि झारखंड विधानसभा के पूरक मानसून सत्र (22 से 28 अगस्त) को ऐतिहासिक बनाते हुए सत्ताधारी दल को चाहिए कि वह स्मृति-शेष दिशोम गुरुजी शिबू सोरेन को भारत रत्न देने का प्रस्ताव सदन से पारित कर केंद्र सरकार को भेजे।

उन्होंने कहा कि शिबू सोरेन का जीवन त्याग, संघर्ष और सेवा का अनुपम प्रतीक है। उन्होंने नशाखोरी और महाजनी प्रथा के खिलाफ जनांदोलन छेड़ा, आदिवासी समाज को शिक्षा व सामाजिक चेतना से जोड़ा और झारखंड अलग राज्य निर्माण के आंदोलन को निर्णायक मुकाम तक पहुंचाया। अथक संघर्ष के बलबूते अलग झारखंड राज्य की मांग को झारखंड से लेकर दिल्ली तक एक बड़ा जनांदोलन बनाने वाले गुरुजी को श्रद्धांजलि स्वरूप भारत रत्न दिलाने की दिशा काम करने की जरूरत हैं। हालांकि गुरुजी के अद्वितीय योगदान को देखते हुए अब तक केंद्र सरकार को खुद ही इस दिशा में पहल करते हुए गुरुजी को भारत रत्न देने का ऐलान करना चाहिए। भाजपा के संसद, विधायकगण को भी आगे आना चाहिए क्योंकि दिशोम गुरु एक सर्वमान्य नेता और सामाजिक न्याय के योद्धा थे। झारखंड राज्य निर्माता गुरुजी ने मुख्यमंत्री और केंद्रीय मंत्री रहते हुए भी सदैव जनहित को सर्वोपरि रखा।
विनोद कुमार पांडेय ने कहा: “ऐसे महापुरुष को भारत रत्न देने का प्रस्ताव अगर झारखंड विधानसभा से पारित होकर केंद्र सरकार तक जाएगा तो यह न सिर्फ झारखंड बल्कि पूरे देश के लोकतांत्रिक और सामाजिक मूल्यों को गौरवान्वित करेगा। हम सत्ताधारी दल से आग्रह करते हैं कि इस प्रस्ताव को प्राथमिकता से सदन में लाए और पारित कराए।
Mohit Sinha is a writer associated with Samridh Jharkhand. He regularly covers sports, crime, and social issues, with a focus on player statements, local incidents, and public interest stories. His writing reflects clarity, accuracy, and responsible journalism.
