राज्य समन्वय समिति बनी सत्ता पक्ष की 'उपहार योजना: प्रतुल शाहदेव
समन्वय समिति केवल सत्ता पक्ष का ‘इनाम केंद्र’ बन गई
भाजपा प्रदेश प्रवक्ता प्रतुल शाहदेव ने झारखंड की राज्य समन्वय समिति को लेकर सरकार पर गंभीर आरोप लगाए हैं. उन्होंने कहा कि विकास समन्वय के नाम पर गठित यह समिति आज महज सत्ता पक्ष के नेताओं को उपकृत करने का साधन बन चुकी है. 2 वर्षों में समिति की केवल एक बैठक हुई, लेकिन करोड़ों रुपये खर्च कर कई नेताओं को राज्य मंत्री का दर्जा दे दिया गया है.
रांची: भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता प्रतुल शाहदेव ने राज्य सरकार पर पड़ा हमला करते हुए झारखंड राज्य समन्वय समिति को पूरी तरह से औचित्यहीन और निष्क्रिय बताया है. प्रतुल शाहदेव ने जोर देते हुए कहा कि इस समिति का गठन विकास कार्यों में समन्वय के नाम पर किया गया था, लेकिन वास्तविकता यह है कि यह महज सत्ताधारी दलों के नेताओं को राज्य मंत्री का दर्जा देकर उपकृत करने का एक राजनीतिक उपहार योजना बनकर रह गई है.

प्रतुल शाह देव ने कहा कि जब बैठकें ही नहीं हो रही हैं, तो क्या राज्य सरकार यह बताएगी कि समिति के सदस्यों को राज्य मंत्री का दर्जा देने के नाम पर अब तक जनता के गाढ़ी कमाई के कई करोड़ रुपये फूकने का क्या औचित्य है? प्रतुल ने कहा इस समन्वय समिति में कुल 9 सदस्य हैं और अधिकांश को राज्य मंत्री का दर्जा प्राप्त है. प्रतुल ने कहा कि यह समिति जनता की भलाई के लिए ना बन कर सिर्फ राजनीतिक समझौतों की पूर्ति के लिए बनी है. प्रतुल शाहदेव ने कहा कि अब इस समिति का एकमात्र उद्देश्य रह गया है– सत्ता पक्ष के कुछ नेताओं को सरकारी वाहन, आवास, स्टाफ, और अन्य सरकारी सुविधाएं देना, जबकि झारखंड के आम लोग बिजली, पानी, सड़क, और रोजगार जैसी बुनियादी समस्याओं से जूझ रहे हैं. कांग्रेस के कई नेता इस समिति के सदस्य हैं. ऐसे तो कांग्रेस की इस सरकार में रत्ती भर पूछ नहीं रही है. लेकिन मलाईदार पदों को लेकर कांग्रेसी भी चुपचाप रबर स्टांप की भूमिका में है.
सुजीत सिन्हा, 'समृद्ध झारखंड' की संपादकीय टीम के एक महत्वपूर्ण सदस्य हैं, जहाँ वे "सीनियर टेक्निकल एडिटर" और "न्यूज़ सब-एडिटर" के रूप में कार्यरत हैं। सुजीत झारखण्ड के गिरिडीह के रहने वालें हैं।
'समृद्ध झारखंड' के लिए वे मुख्य रूप से राजनीतिक और वैज्ञानिक हलचलों पर अपनी पैनी नजर रखते हैं और इन विषयों पर अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत करते हैं।
