15 साल बाद भी झारखंड लोक सेवा आयोग ने नहीं जारी किया रिजल्ट

भगवान श्री कृष्ण अर्जुन को गीता का ज्ञान देते हुए कहते हैं.. इंसान को केवल कर्म का ही अधिकार है, उसके फल के बारे में चिंता करने का नहीं. ये ज्ञान झारखंड लोक सेवा आयोग पर एकदम सटीक बैठती है. जेपीएससी द्वारा डिप्टी कलेक्टर की नियुक्ति के लिए वर्ष 2005 के शुरुआत में ही परीक्षा ली गई थी. मगर 15 साल बीत जाने के बाद भी अब तक रिजल्ट जारी नहीं किया गया है. जबकि 2020 दिसंबर को आयोग ने लिखित परीक्षा का संशोधित मॉडल उत्तर पत्र तो जारी कर दिया लेकिन फाइनल रिजल्ट अब तक नहीं आया है.

इस परीक्षा में झारखंड सरकार या दूसरे सरकारी कार्यालयों में कार्यरत कर्मचारी अधिकारी और शिक्षक शामिल हुए थे. परीक्षा देने वाले कई कर्मचारियों की नौकरी अब कुछ ही वर्ष बची है. आपको बता दें कि झारखंड लोक सेवा आयोग द्वारा 2005 में प्रथम सीमित डिप्टी कलेक्टर की 50 पदों पर नियुक्ति के लिए आवेदन मांगा गया था. जिसके बाद 23 अप्रैल 2006 को रांची के 14 केंद्रों में परीक्षा ली गई. इस परीक्षा में लगभग 8000 से ज्यादा उम्मीदवार शामिल हुए थे. परीक्षा में गड़बड़ी के कारण तत्कालीन राज्यपाल की निगरानी में जांच के आदेश दिए. मामला उच्च न्यायालय में भी गया न्यायालय ने निर्णय का अधिकार राज्यपाल के पास छोड़ दिया.
राज्यपाल द्वारा परीक्षा रद्द कर दी गई
राज्यपाल ने परीक्षा होने के 6 साल बाद 12 जून 2013 को परीक्षा मैं गड़बड़ी होने की शिकायत मिली थी. जिसके आधार पर झारखंड के राज्यपाल के आदेश पर परीक्षा रद्द कर दी गई थी.
सरकार ने आयोग को फिर से परीक्षा देने के आदेश दिए
सरकार के आदेश के बाद आयोग ने 29 अप्रैल 2017 को परीक्षा लेने का निर्णय लिया. लेकिन परीक्षा नहीं ली गई. जिसके बाद में आयोग द्वारा यह परीक्षा 3 जनवरी 2020 को आयोजित की गई. इस परीक्षा मॉडल उत्तर 10 जनवरी को जारी किया गया. परीक्षार्थियों द्वारा अनियमितता की शिकायत के बाद आयोग ने 24 दिसंबर 2020 को फिर से संशोधित मॉडल उत्तर पत्र जारी किया. आपको बता दें कि संशोधित मॉडल उत्तर पत्र जारी होने के बाद भी अब तक रिजल्ट जारी नहीं किया गया है.