झारखंड में लिंचिग रोधी विधेयक पारित, उम्रकैद व 25 लाख तक के जुर्माने का प्रावधान
रांची : झारखंड विधानसभा में मंगलवार ( 21 दिसंबर 2021) को भीड़ हिंसा एवं भीड़ लिंचिंग विधेयक 2021 पारित हो गया। अब राज्यपाल की मंजूरी के बाद यह विधेयक राज्य में कानून की शक्ल ले लेगा। इस विधेयक के प्रावधानों के अनुसार, दो या दो से अधिक व्यक्ति द्वारा की गयी हिंसा लिंचिंग कहलाएगी। इस बिल के प्रावधानों के अनुसार, धर्म, जाति, वंश, आहार-व्यवहार, लैंगिक, राजनीतिक संबद्धता और नस्ल के आधार पर किसी व्यक्ति का उत्पीड़न करना या उसके खिलाफ हिंसा करना लिंचिग माना जाएगा।
राज्य सरकार द्वारा सदन में भीड़तंत्र द्वारा होने वाली घटनाएं मॉब लिंचिंग को रोकने के लिए ‘झारखंड भीड़-हिंसा एवं भीड़-लिंचिंग निवारण विधेयक 2021’ ले कर आई। इस कानून के आने से उन तमाम लोगों को एक सुरक्षा मिलेगी जिन्हें भीड़तंत्र द्वारा अपना शिकार बनाया जाता रहा हैं। #Jharkhand https://t.co/0NnSEKNbXY
— Sita Soren (@SitaSorenMLA) December 21, 2021
विधानसभा में इस विधेयक को मंत्री आलमगीर आलम ने पेश किया। उन्होंने कहा कि यह बिल सुप्रीम कोर्ट के आदेश से बनाया गया है। यह विधेयक विपक्ष के बहिष्कार के बीच ध्वनिमत से पारित हुआ है। इस बिल को लेकर कई संशोधन बताए गए और आंशिक संशोधन के बाद इसे पारित किया गया।
ऐसे घृणित अपराध की सजा कठोर ही होनी चाहिए।।अब हमारा समाज बर्बर नहीं रहा…..फिर भी कुछ लोग बर्बरता से बाज़ नहीं आते ।।
साधुवाद @HemantSorenJMM जी ।। pic.twitter.com/JRZvuPnpDz
— Mithilesh Kumar Thakur (@MithileshJMM) December 21, 2021
बिल के प्रावधानों के अनुसार, किसी व्यक्ति को घर या आजीविका के स्थान को छोड़ने के लिए मजबूर करना, शिक्षा, स्वास्थ्य, पेयजल, परिवहन सहित लोकसेवा से तिरस्कार करना, मूल अधिकारों से वंचित करना या इसके लिए धमकी देना, किसी व्यक्ति के कारोबार का बहिष्कार करना भी लिंचिंग माना जाएगा। इस कानून को अमल में लाने के लिए पुसि महानिदेशक स्तर के अधिकारी राज्य में नोडल अधिकारी होंगे।
मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा है कि राज्य में शाांति और सौहार्द का माहौल बना रहे इसलिए यह विधेयक लाया गया है। उन्होंने कहा कि समय-समय पर घटनाएं घटित होती रहती हैं और कुछ घटनाएं असाधारण तरीके से हमारे सामने आ जाती हैं। मुख्यमंत्री सोरेन ने कहा कि असामाजिक तत्व अपनी हरकतों से बाज नहीं आते हैं, इसलिए यह बिल लाया गया है। विधायक अमित मंडल ने कहा है कि अगर यह बिल राजनीतिक उद्देश्य से लाया गया है तो यह गलत है।
मॉब लिंचिंग पर कानून बनाने वाला चौथा राज्य बना झारखंड।मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने मॉब लिंचिंग के खिलाफ लाये गए विधेयक को विधानसभा से पास होने पर खुशी जताई।उन्होंने कहा कि अब लोग निर्भिक और निडर होकर अपने कार्य करें।@HemantSorenJMM pic.twitter.com/zU25Ff1WRY
— Sohan singh (@sohansingh05) December 21, 2021
बिल में क्या है सजा का प्रावधान
पीड़ित को परेशान करने की बात साबित होने पर एक से तीन साल तक की सजा या एक से तीन लाख तक का जुर्माना। अधिक परेशान करने पर एक से 10 साल तक की सजा या तीन से 10 लाख रुपये तक का जुर्माना। भीड़ की हिंसा यानी मॉब लिंचिंग में किसी व्यक्ति की मौत होने पर दोषी को उम्रकैद व पांच से 25 लाख तक का जुर्माना। लिंचिंग से पीड़ित व्यक्ति के इलाज का खर्च जुर्माना राशि से भुगतान किया जाएगा।
सरकार ने मॉब लिंचिंग बिल लाकर उन असामाजिक उन्मादी तत्वों पर लगाम लगाने का काम किया है। ये स्वागत योग्य है। कुछ लोग भीड़ की शक्ल सरेआम लोगों की हत्या कर रहे है। ऐसे लोग 2014 के बाद से ही सक्रिय हुए हैं जो साज़िशन देश को तोड़ना चाहते हैं। @RahulGandhi @HemantSorenJMM @INCJharkhand pic.twitter.com/5kvRg7nh0x
— Dipika Pandey Singh (@DipikaPS) December 21, 2021