झारखंड हाईकोर्ट ने काला शीशा, प्रेशर हॉर्न और राजनीतिक झंडों वाले वाहनों पर सख्त कार्रवाई के दिए आदेश
हाईकोर्ट ने ट्रैफिक अव्यवस्था पर चिंता जताई
झारखंड हाईकोर्ट ने रांची में ट्रैफिक नियमों के उल्लंघन पर कड़ा रुख अपनाते हुए ट्रैफिक एसपी को सख्त निर्देश दिए. कोर्ट ने काला शीशा, प्रेशर हॉर्न, नेम प्लेट, लाल-नीली लाइट और राजनीतिक दलों के झंडों वाले वाहनों पर कार्रवाई करने को कहा. ध्वनि प्रदूषण रोकने और जागरूकता बढ़ाने के आदेश भी दिए गए. मामले की अगली सुनवाई 11 सितंबर को होगी.
रांची: 23 अगस्त 2024 को भाजयुमो की आक्रोश रैली के दौरान एक न्यायाधीश के ट्रैफिक जाम में फंसने के बाद झारखंड हाई कोर्ट ने स्वतः संज्ञान लेते हुए एक जनहित याचिका पर सुनवाई की। चीफ जस्टिस तरलोक सिंह चौहान और जस्टिस राजेश शंकर की खंडपीठ ने ट्रैफिक नियमों के सख्त पालन के निर्देश दिए हैं।

कोर्ट द्वारा जारी किए मुख्य निर्देश
मोटर वाहन नियमों का पालन: राज्य सरकार को पूरे राज्य में मोटर वाहन नियमों का सख्ती से पालन कराने का निर्देश दिया गया है।
वाहनों से झंडे और अन्य सामान हटाना: कोर्ट ने वाहनों से तत्काल काला शीशा, प्रेशर हॉर्न, नेम प्लेट, और राजनीतिक, धार्मिक या किसी भी तरह के अनाधिकृत झंडे हटाने का निर्देश दिया है।
ध्वनि और प्रकाश प्रदूषण पर कार्रवाई: मल्टीटोन हॉर्न, प्रेशर हॉर्न और अतिरिक्त लाइट वाले वाहनों पर कार्रवाई करने को कहा गया है। विशेष रूप से, आपातकालीन वाहनों की तरह लाल और नीली लाइट लगाने वाले वाहनों पर कार्रवाई का निर्देश दिया गया है।
जागरूकता अभियान: स्कूलों, बस स्टैंडों और अन्य सार्वजनिक जगहों पर प्रेशर हॉर्न न लगाने और ट्रैफिक नियमों का सख्ती से पालन करने के बारे में प्रचार करने को कहा गया है।
सरकार को इन निर्देशों पर हुई प्रगति की रिपोर्ट 11 सितंबर को अगली सुनवाई के दौरान कोर्ट में पेश करने का आदेश दिया गया है। सुनवाई के दौरान रांची के ट्रैफिक एसपी कोर्ट में मौजूद थे।
Mohit Sinha is a writer associated with Samridh Jharkhand. He regularly covers sports, crime, and social issues, with a focus on player statements, local incidents, and public interest stories. His writing reflects clarity, accuracy, and responsible journalism.
