व्हिस्ल ब्लोअर एक्ट के तहत लगाए भ्रष्टाचार के आरोपों पर लीपा-पोती में जुटी हेमंत सरकार:  प्रतुल शाहदेव

राज्य सरकार के रवैये पर भाजपा का तीखा प्रहार

व्हिस्ल ब्लोअर एक्ट के तहत लगाए भ्रष्टाचार के आरोपों पर लीपा-पोती में जुटी हेमंत सरकार:  प्रतुल शाहदेव
प्रतुल शाहदेव (फाइल फोटो)

भाजपा प्रवक्ता प्रतुल शाहदेव ने आरोप लगाया कि झारखंड सरकार सुरक्षा उपकरणों की खरीद में हुए भारी भ्रष्टाचार को दबा रही है। उन्होंने कहा कि बाजार मूल्य से कई गुना अधिक दाम पर उपकरण खरीदे गए, जांच समिति ठप पड़ी है और व्हिस्ल ब्लोअर अधिकारी को असुरक्षित बनाकर आरोपितों को संरक्षण दिया जा रहा है।

रांची: भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता प्रतुल शाहदेव ने झारखंड कैडर के एक वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी द्वारा व्हिस्ल ब्लोअर एक्ट के तहत सुरक्षा उपकरणों की खरीद में लगाए गए गंभीर आरोपों पर राज्य सरकार के रवैये पर तीखा प्रहार किया है। उन्होंने कहा कि सुरक्षा उपकरणों की खरीद में भारी भ्रष्टाचार के आरोप सामने आने के बाद भी हेमंत सरकार ने पूरे मामले को दबाने का काम किया है। प्रतुल ने कहा उक्त आईपीएस अधिकारी ने आरोप लगाया था कि सुरक्षा उपकरणों को उनके बाजार मूल से चार गुना से 5 गुना ज्यादा कीमतों पर खरीदा गया है।

कनीय अधिकारी को वरीय अधिकारी पर जांच की जिम्मेदारी दे दी गई

प्रतुल शाहदेव ने कहा कि शुरुआत में तो महीनों तक सरकार ने इन आरोपों पर संज्ञान ही नहीं लिया। बाद में जब दबाव बढ़ा तो जिस अधिकारी पर आरोप लगाए गए थे, उससे  कनीय अधिकारी आईजी नरेंद्र कुमार की अध्यक्षता में जांच समिति बनवा दी गई। यह अपने आप में हास्यास्पद और अनैतिक कदम था कि एक कनिष्ठ अधिकारी अपने वरीय अधिकारी की जांच कैसे करे? भारी हंगामे के बाद सरकार ने समिति बदली और एडीजी स्तर के अधिकारी टी कांडास्वामी को अध्यक्ष बनाया।लेकिन वे लंबे समय तक अवकाश पर रहे थे जिससे जांच की गति ठहर गई। जानकारी के अनुसार समिति की एक भी बैठक अभी तक नहीं हुई है। यह सब दर्शाता है कि सरकार गंभीर जांच चाहती ही नहीं, बल्कि भ्रष्टाचार पर पर्दा डालने में जुटी है।

उन्होंने कहा कि व्हिस्ल ब्लोअर एक्ट का मूल उद्देश्य है कि कोई भी अधिकारी अथवा कर्मचारी यदि भ्रष्टाचार का पर्दाफाश करता है तो उसे हर स्तर पर संरक्षण मिले और उसकी पहचान सार्वजनिक न की जाए। लेकिन झारखंड में इसके ठीक उलट, सरकार ने व्हिस्ल ब्लोअर अधिकारी को असुरक्षित करने और आरोपित को बचाने का काम किया है। यह न केवल एक्ट की भावना के खिलाफ है बल्कि भ्रष्टाचारियों को संरक्षण देने का सीधा उदाहरण है।

Edited By: Mohit Sinha
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Mohit Sinha is a writer associated with Samridh Jharkhand. He regularly covers sports, crime, and social issues, with a focus on player statements, local incidents, and public interest stories. His writing reflects clarity, accuracy, and responsible journalism.

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