जस्ट ट्रांजिशन में झारखंड के टास्क फोर्स को मदद के लिए प्रतिष्ठित संस्थाएं सहमत
नई दिल्ली/रांची : झारखंड में जस्ट ट्रांज़िशन की प्रक्रिया की व्यापक रूपरेखा तैयार करने के लिए सस्टेनेबल जस्ट ट्रांजिशन टास्क फोर्स, झारखंड सरकार द्वारा टेक्निकल पार्टनर सेंटर फॉर एनवायरनमेंट एंड एनर्जी डेवलपमेंट (सीड) के सहयोग से आज इंडिया हैबिटेट सेंटर, दिल्ली में एक नेशनल कंसल्टेशन बैठक का आयोजन किया गया। इस कंसल्टेशन का मुख्य उद्देश्य जस्ट ट्रांज़िशन के क्षेत्र में काम कर रहे प्रतिष्ठित संस्थानों से टास्क फोर्स की भावी प्राथमिकताएं निर्धारित करने के लिए टर्म ऑफ़ रेफेरेंस (टीओआर) पर सुझाव प्राप्त करना था।
बैठक में देश के प्रसिद्ध एनवायरनमेंट एवं एनर्जी रिसर्च संस्थानों, सस्टेनेबिलिटी थिंक.टैंक, एकेडेमिक इंस्टिट्यूट और सिविल सोसाइटी संगठनों ने भागीदारी की, जिन्होंने झारखंड के सततशील विकास और नेट जीरो एमिशन रोडमैप विकसित करने में मदद करने के लिए अपना समर्थन और प्रतिबद्धता व्यक्त की।
ज्ञात हो कि झारखंड सरकार ने गत 9 नवंबर, 2022 को सस्टेनेबल जस्ट ट्रांज़िशन टास्क फोर्स का गठन राज्य पर नेट जीरो एमिशन से संबंधित राष्ट्रीय प्रतिबद्धता के प्रभाव का अध्ययन करने और ग्रीन इकॉनोमी मॉडल को तैयार करने के लिए किया है। इसका मुख्य उद्देश्य जीवाश्म ईंधन पर आधारित मॉडल से अलग स्वच्छ ऊर्जा तंत्र के निर्माण में बदलाव के प्रभावों का अध्ययन करना, कोयला खदानों, जीवाश्म ईंधन उद्योगों के चरणबद्ध ढंग से कम होने के समग्र प्रभाव खासकर अर्थव्यवस्था, श्रमिकों और समुदायों पर प्रभाव का आकलन करना, प्रमुख ग्रीन सेक्टर्स और इनके ठोस वित्तपोषण में नए अवसरों की पहचान करना और कार्बन न्यूट्रल इकोनॉमी के लिए नीतिगत कदमों की सिफारिश करना आदि है।
इस अवसर पर सस्टेनेबल जस्ट ट्रांजिशन टास्क फोर्स, झारखंड सरकार के अध्यक्ष एके रस्तोगी ने कहा कि हम इस प्रक्रिया को प्रतिष्ठित संस्थानों के माध्यम से समावेशी बनाने और मल्टी स्टेकहोल्डर्स एप्रोच के साथ सहयोगपूर्ण ढंग से काम करने में विश्वास रखते हैं। टास्क फ़ोर्स के भावी कार्यों के लिए छह प्रमुख विषय-क्षेत्रों एनर्जी ट्रांज़िशन, कोयला ट्रांज़िशन, सस्टेनेबल मोबिलिटी, लाइवलीहुड ट्रांज़िशन, कैपेसिटी बिल्ड़िंग और लो कार्बन डेवलपमेंट की पहचान की गयी है। झारखंड में जस्ट ट्रांजिशन के लिए जरूरी विजनरी रोडमैप तैयार करने में तकनीकी विशेषज्ञता,, सलाह और अन्य मदद देने के इच्छुक संस्थानों के औपचारिक आवेदन और इच्छा अभिव्यक्ति के आधार पर उनका चुनाव कर प्रमुख सहयोगियों के रूप में शामिल किया जायेगा। मुझे उम्मीद है कि हम सब मिलकर जस्ट ट्रांजिशन से संबंधित एक सस्टेनेबल मॉडल तैयार करेंगे, जो झारखंड सहित अन्य राज्यों के लिए लाभकारी सिद्ध होगा।
इस मौके पर सीड के सीईओ रमापति कुमार ने कहा कि झारखंड देश का पहला राज्य है, जिसने एक ठोस नीतिगत पहल के रूप में टास्क फ़ोर्स का गठन कर अपने भावी रास्ते का संकेत दिया है। टास्क फ़ोर्स अन्य राज्यों के समक्ष एक बेहतर उदाहरण पेश कर रहा है। एक टेक्निकल और नॉलेज पार्टनर के रूप में सीड टास्क फ़ोर्स के नियमित कार्यों एवं गतिविधियों में पूरी प्रतिबद्धता के साथ सहायता प्रदान कर रहा है, ताकि झारखंड में सस्टेनेबल जस्ट ट्रांज़िशन की दिशा में एक व्यापक नीतिगत ढांचा और रोडमैप बनाया जा सके। हम सभी संस्थानों एवं भावी सहयोगियों को इस पूरी प्रक्रिया से जोड़ने और उन्हें स्थानीय स्तर पर मदद देने को तैयार हैं। झारखंड को ग्रीन इकॉनोमी के मोर्चे पर अग्रणी राज्य बनाने में सभी सहभागी और साझेदार बनें और इस सार्थक प्रयास को बल दें।
इस बैठक में अंतरराष्ट्रीय ऊर्जा एजेंसी, संयुक्त राष्ट्र विकास कार्यक्रम (यूएनडीपी), यूएसऐड, वर्ल्ड बैंक, आईआईटी कानपुर, दि एनर्जी रिसोर्स इंस्टिट्यूट यानी (टेरी), इरेडा, वर्ल्ड रिसोर्स इंस्टिट्यूट, आईफॉरेस्ट, कॉउन्सिल ऑन एनवायरनमेंट, एनर्जी एंड वाटर सीईईडब्ल्यू, इंडिया क्लाइमेट कोलोबोरेटिव आदि के उच्च पदाधिकारियों एवं प्रतिनिधियों ने भागीदारी की। यह बैठक कंसल्टेशन्स की एक श्रृंखला का एक हिस्सा है, जो टास्क फोर्स उद्योग.व्यापार जगत, थिंक.टैंक, सिविल सोसाइटी संगठनों, श्रमिकों और स्थानीय समुदायों जैसे प्रमुख स्टेकहोल्डर्स के साथ अपनी प्राथमिकताओं और कार्य.क्षेत्र को अंतिम रूप देने के लिए संचालित कर रहा है।