सदर अस्पताल में अव्यवस्था अब भी कायम, कोरोना मरीजों को भुगतना पड़ रहा खामियाजा
रांची: एक ओर कोरोना अपनी तेज़ रफ्तार से आगे बढ़ रहा है. वहीं रांची के सदर अस्पताल (Sadar Hospital) में अब भी शायद कोरोना जैसी महामारी को हल्के में लिया जा रहा है. एक तरफ मरीज इस बीमारी से बुरी तरह पीड़ित हो रहे है तो दूसरी ओर सदर अस्पताल में बुनियादी सुविधाएं (Basic facilities)भी ठप पड़ी हुई है.
बता दें कि सदर अस्पताल में पिछले डेढ़ महीने से कोविड वार्ड की शुरुआत होने की बात चल रही है. मगर अब तक इसके कोई आसार नजर नहीं आ रहे है. कोरोना संक्रमित मरीजों (Corona infected patients) की संख्या बढ़ती चली जा रही है. अधिकतर मरीज निजी अस्पताल में अपना इलाज कराने में असक्षम है. परिजन संक्रमित मरीज को लेकर एक अस्पताल से दूसरे अस्पताल तक इलाज के लिए चक्कर लगाते नजर आ रहे हैं.
बावजूद इसके जिस अस्पताल में इलाज हो पाने की संभावना है. वहां कोविड वार्ड तो क्या बुनियादी सविधाए भी उपलब्ध नहीं हैं. बता दे, बीते दिनों जिला प्रशासन के अधिकारियों ने अस्पताल का निरीक्षण कर इसे 210 कोविड बेड में तब्दील करने को कहा था. मगर इंफ्रास्ट्रक्चर (Infrastructure) का इस कदर घोर अभाव है कि ये सुविधा की भी शुरुआत अब तक नहीं हो पाई है. अगर जल्द से जल्द कोविड आईसीयू (Covid ICU) कि शुरुआत हो जाए तो भटकते मरीजों को इलाज में राहत मिल सकेगी.
वहीं जिन 60 बेड का कोविड वार्ड तैयार किया गया था वह भी अब तक चालू नहीं हुआ है. जिसकी संख्या बढ़ाकर 210 बेड में तब्दील करने की अब भी तैयारी ही चल रही है. जिस बीमारी में संक्रमित मरीजों को पूरी तरह आराम करने की सलाह दी जाती है. वहां इस महामारी से पीड़ित मरीजों को भी इलाज के लिए दर-दर भटकने कि ज़रूरत पड़ रही है। अब ऐसे में सवाल ये उठता है कि क्या मरीजों को अस्पताल के रहते हुए भी महामारी के जाने का ही इंतजार करना होगा. या फिर किसी तरह का इलाज भी संभव है?