भाजपा राज्य के बच्चों के हितों के साथ नहीं करेगी कोई समझौता: राफिया नाज़ 

लगभग 45% बच्चे कुपोषण के शिकार, हर चौथे बच्चे की आँखों में भूख की छाया

भाजपा राज्य के बच्चों के हितों के साथ नहीं करेगी कोई समझौता: राफिया नाज़ 
राफिया नाज़ (फाइल फोटो)

राफिया नाज़ ने झारखंड सरकार पर बच्चों के पोषण को नजरअंदाज करने का आरोप लगाया। राज्य में लगभग 45% बच्चे कुपोषित हैं, आंगनबाड़ी सेविकाओं का वेतन लंबित है। उन्होंने विशेष पोषण योजनाओं और समय पर भुगतान सुनिश्चित करने की मांग की। बच्चों और गर्भवती महिलाओं के हितों की अनदेखी को स्वीकार्य नहीं बताया।

रांची: बच्चों के पोषण को लेकर राज्य सरकार पर राफिया नाज़ ने कड़ा प्रहार किया। उन्होंने कहा कि हेमंत सरकार की प्राथमिकताएं बच्चों के पोषण की बजाय अपनी छवि चमकाने और सत्ता सुख भोगने पर केंद्रित हैं। राज्य में लगभग 45% बच्चे अभी भी कुपोषण का शिकार हैं, हर चौथे बच्चे की आँखों में भूख की छाया है लेकिन सरकार ने इस दिशा में कोई ठोस कदम नहीं उठा रही है। राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण (NFHS-5) के अनुसार, झारखंड में 42.9% बच्चे कम वज़न वाले हैं, 39.6% बच्चे कद में छोटे हैं और 29.5% बच्चे कुपोषित और कमजोर हैं।

यह स्थिति राष्ट्रीय औसत से कहीं अधिक खराब है। राफिया ने सवाल उठाया, जब बच्चों की असली भूख को नजरअंदाज किया जा सकता है, तो विज्ञापन और VIP सुविधाओं पर खर्च करना किसलिए जरूरी है? राज्य सरकार के पास विधायकों और मंत्रियों को, सुख-सुविधा, बंगले और गाड़ियाँ देने के लिए पैसा है, लेकिन बच्चों के पोषण की बारी आती है तो सरकार खामोश हो जाती है। यह सरकार की संवेदनहीनता और दोहरे रवैये का परिचायक है। उन्होंने कहा झारखंड की आंगनबाड़ी सेविकाओं और सहायिकाओं को महीनों से मानदेय का भुगतान नहीं मिला है। ये महिलाएं अपने घरों का खाना तक छोड़कर बच्चों और गर्भवती महिलाओं के लिए रोज़ मेहनत करती हैं। लेकिन जब इन्हें उनकी मेहनत का हक़ देना हो, तो सरकार सुनवाई नहीं करती। ऐसे में बच्चे और गर्भवती महिलाएं सीधे प्रभावित हो रही हैं। यह संवेदनहीनता की हद है। भारतीय जनता पार्टी राज्य के बच्चों के हितों के साथ कोई समझौता नहीं करेगी।

उन्होंने राज्य सरकार से माँग किया कि आंगनबाड़ी पोषण आहार की राशि में तुरंत बढ़ोतरी की जाए, आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं का समय पर भुगतान सुनिश्चित किया जाए और कुपोषित बच्चों की पहचान कर उनके लिए विशेष पोषण योजनाएँ लागू की जाएँ। हर बच्चे का हक़ है कि वह स्वस्थ, ताकतवर और खुशहाल जीवन जिए। इसे नजरअंदाज करना स्वीकार्य नहीं है।

Edited By: Mohit Sinha
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Mohit Sinha is a writer associated with Samridh Jharkhand. He regularly covers sports, crime, and social issues, with a focus on player statements, local incidents, and public interest stories. His writing reflects clarity, accuracy, and responsible journalism.

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