मुख्यमंत्री हिमंता बिस्व सरमा के विवादित बयान पर मुकदमा, धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने का आरोप
हुसैनाबाद के पूर्व विधायक कुशवाहा शिवपुजन मेहता ने किया है केस
परिवाद पत्र में कहा गया है कि झारखंड के हुसैनाबाद विधानसभा क्षेत्र में, 23 अक्टूबर 2024 को असम के मुख्यमंत्री और भारतीय जनता पार्टी के झारखंड चुनाव प्रभारी, हिमंता बिस्व सरमा ने एक जनसभा को संबोधित करते हुए कुछ विवादास्पद बयान दिए.
पलामू/हुसैनाबाद: हुसैनाबाद के पूर्व विधायक कुशवाहा शिवपुजन मेहता ने गत 23 अक्टूबर को भाजपा के प्रत्याशी कमलेश कुमार सिंह के नामांकन के दौरान कर्पूरी मैदान, हुसैनाबाद में आयोजित सभा में असम के सीएम एवं भारतीय जनता पार्टी के झारखंड राज्य चुनाव सह प्रभारी हिमंता बिस्व सरमा द्वारा आपत्तिजनक भाषण दिए जाने एवं धार्मिक उन्माद फैलाने के प्रयास करने का आरोप लगाते हुए मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी, डालटनगंज की अदालत में एक मामला जिसका परिवाद पत्र संख्या- 3359/2024 है, दर्ज कराया है.
परिवाद पत्र में कहा गया है कि झारखंड के हुसैनाबाद विधानसभा क्षेत्र में, 23 अक्टूबर 2024 को असम के मुख्यमंत्री और भारतीय जनता पार्टी के झारखंड चुनाव प्रभारी, हिमंता बिस्व सरमा ने एक जनसभा को संबोधित करते हुए कुछ विवादास्पद बयान दिए. उनके भाषण में हुसैनाबाद शहर का नाम बदलने की बात कही गई. श्री सरमा ने कहा, "ये हुसैन कौन है जिसके नाम पर हुसैनाबाद है? इसका नाम बदल देंगे. ये हुसैन कहाँ से आया? मैं इसका नाम रामकृष्णा के नाम पर करूंगा." कुशवाहा शिवपुजन मेहता, जो पूर्व विधायक और वर्तमान हुसैनाबाद विधानसभा के उम्मीदवार हैं, ने इसे लेकर कड़ा ऐतराज जताया. उनका कहना है कि हुसैनाबाद क्षेत्र में सभी समुदायों के बीच सदियों से आपसी सौहार्द और सौम्यता का संबंध रहा है. उनके अनुसार, मुख्यमंत्री हिमंता बिस्व सरमा के इस बयान का उद्देश्य दो समुदायों के बीच वैमनस्य फैलाना और धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाना था.
कुशवाहा शिवपुजन मेहता ने आरोप लगाया है कि श्री सरमा ने जानबूझकर सांप्रदायिक उन्माद पैदा करने का प्रयास किया, जिससे समाज में विद्वेष और असंतोष की स्थिति उत्पन्न हो सकती है. इसके आधार पर उन्होंने डाल्टनगंज के मुख्य न्यायिक दण्डाधिकारी की अदालत में उनके खिलाफ परिवाद दायर किया है. शिवपुजन मेहता ने मांग की है कि श्री हेमंत शर्मा पर धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने और सामाजिक सौहार्द्र को बिगाड़ने के प्रयास का आरोप लगाकर सुसंगत धाराओं के तहत कानूनी कार्यवाही की जाए. कुशवाहा शिवपुजन मेहता ने राज अली और अक्षय मेहता को गवाह के रूप में नामित किया है और आवश्यक होने पर अन्य गवाह भी पेश किए जाएंगे.
राजनीतिक विशेषज्ञों का मानना है कि चुनावी रैलियों में विवादास्पद बयान देना नेताओं के लिए आम बात होती जा रही है, लेकिन इससे धार्मिक सौहार्द्र पर असर पड़ सकता है. अब अदालत का निर्णय आने पर आगे की कार्यवाही पर सबकी नजर रहेगी.