Koderma News: जैन धर्म का सर्वश्रेष्ठ पर्व दशलक्षण पर्यूषण का सातवां दिन, भक्तजनों ने "उत्तम तप धर्म" के रूप में मनाया
महावीर भगवान का प्रथम अभिषेक व शांति धारा निर्मल जैन छाबड़ा के परिवार को मिला।
कोडरमा: जिले वासियों को धर्म और ज्ञान की गंगा का सोपान कराते हुए स्थानीय पंडित अभिषेक शास्त्री और निर्मला दीदी ने अपनी अमृतवाणी मे साधर्मी बंधुओं को कहा की इच्छाओं का त्याग करना ही तप धर्म है। शांति से दुख सहन करना सबसे बड़ा तप है बिना तप के कोई शुद्ध नहीं होता। जीवन में उसी के सामने झुको जिसके जीवन में तप हो, जमीन के अंदर पैर के नीचे दबने वाली मिट्टी भी आग में तपने के बाद मूर्ति का आकार लेकर पूजनीय हो जाती है। तप विशुद्धि के साथ और वाणी संयम के साथ किया जाता है, मोक्ष मार्ग की प्राप्ति के लिए अंतःकरण को स्वच्छ करते हुए संयम के साथ तप किया जाता है वहीं तप निर्जरा का साधन बनता है। अंतरंग में शांति रूपी तप नहीं धारण करेंगे तो सभी तपस्या बेकार हो जाती है। नियम और संयम से जीवन जब श्रृंगारित हो जाता है तभी व्यक्ति तप के लिए आगे बढ़ता है । आत्मा के अंदर अनंत शक्ति भरी हुई है उसको निखारना बिना तप के संभव नहीं है। विश्व में जैन धर्म की पहचान तप, त्याग ,तपस्या से है । जैन दर्शन भगवान बनने की बात करता है, भेद विज्ञान से भगवान मिलते हैं,जीवन में इसी की आवश्यकता है। मंगल ग्रह में मंगल नहीं मिलता, जीवन में मंगल खोजो जैन दर्शन यही कहता है, कर्मों के क्षय को काटकर सिद्धतव की ऊंचाई को पाना जैन दर्शन है जीवन को परख कर तराशना ही तप है। जीवन को ऐसा बनाएं कि कभी न कांटा लगे न कांटा चुभे, शरीर को भी धर्म के मार्ग पर तपाना पड़ता है तप के द्वारा ही व्यक्ति भक्त से भगवान बन सकता है प्रातः दीदी के मुखारविंद से नया मंदिर जी में विश्व शांति धारा का पाठ कराया गया।

सहमंत्री राज छाबड़ा कोषाध्यक्ष सुरेंद्र काला भंडारी सुनील सेठी मीडिया प्रभारी राजकुमार अजमेरा नवीन जैन के साथ समाज के सभी पुजारियों ने दसलक्षण व्रतधारि अंकित जैन थोल्या के कठिन तप उपवास की अनुमोदना की। पंडित जी ने अपने हाथों से व्रत धारी को विश्व शांति धारा के लाखों मंत्रो का पूजित जल मस्तक पर लगाया। साथ ही 16 दिवसीय सोलह कारण व्रत धारण करने वाली प्रेम जैन झांझरी की सभी ने अनुमोदना की ओर सभी व्रतियों का निर्विघ्न उपवास की कामना की।
इसके पश्चात सुबोध-आशा जैन गंगवाल के द्वारा उत्तम तप की पूजा अर्चना कराया सभी पुजारी ने मंडप पर सभी अर्घ पर श्री फल समर्पित किया।दिन में तत्वार्थ सूत्र का वाचन हुवा। संध्या में भब्य आरती के साथ जयपुर राकेश जैन गोधा के द्वारा बनाया गया, म्यूजिकल धार्मिक तम्बोला का आयोजन दीदी के द्वारा किया गया जिसमें प्रथम पुरस्कार जीतने का सौभाग्य मुकेश, अर्हम,कथान्स जैन अजमेरा को प्राप्त हुआ। इस दौरान नवीन जैन और राज कुमार जैन अजमेरा भी मौजूद थे।
