झारखंड जन संस्कृति मंच हजारीबाग ने प्राणेश कुमार को दी श्रद्धांजलि
कविता संग्रह 'तुमसे मुखातिब' की कुछ कविताओं का उल्लेख भी किया
कार्यक्रम की शुरुआत चित्रकार टी.पी. पोद्दार द्वारा बनाए गए चित्र पर माल्यार्पण और पुष्प अर्पण से हुई। सहकर्मी अशोक कुमार ने प्राणेश कुमार को सहज, सरल और सहयोगी व्यक्तित्व बताया। प्रगतिशील कवि और कथाकार टी.पी. पोद्दार ने उनके साथ बिताए समय और साहित्यिक यात्रा को साझा किया। कवियत्री और प्राध्यापिका डॉ. प्रमिला गुप्ता ने उनके साथ हुई साहित्यिक चर्चाओं को याद करते हुए कहा कि विद्यार्थी जीवन से लेकर अंत समय तक उनका साहित्य सृजन अविस्मरणीय रहेगा।
हजारीबाग: झारखंड जन संस्कृति मंच हजारीबाग द्वारा साम्यवादी कवि, लेखक और संपादक प्राणेश कुमार के निधन पर पेंशनर कार्यालय में शोक सभा एवं श्रद्धांजलि कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम में बड़ी संख्या में रचनाकारों और साहित्य प्रेमियों ने भाग लिया।

कवि विजय कुमार कर्ण ने कविता पाठ कर अपनी श्रद्धांजलि अर्पित की, जबकि कवि-शिक्षक संजय हजारीबागी ने भावनात्मक कविता सुनाकर उन्हें याद किया। शायर और गजलकार आसिफ अली ने अपनी रचनाओं के माध्यम से उन्हें श्रद्धांजलि दी। कवि राजू विश्वकर्मा ने प्राणेश कुमार और शिक्षक परशुराम सिंह दोनों के निधन पर शोक व्यक्त किया। सीपीएम नेता गणेश कुमार सीटू ने अपनी श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए कहा कि रमणिका गुप्ता उनकी राजनीतिक गुरु थीं और दिवंगत प्राणेश कुमार उनके साहित्यिक अभिभावक। उन्होंने रमणिका फाउंडेशन और मुद्रक प्रेस में उनके साथ बिताए समय को साझा किया। शंकर गुप्ता ने जनवादी लेखक संघ और जन संस्कृति मंच हजारीबाग के मासिक कवि सम्मेलनों में उनके कविता पाठ को याद किया। 47 वर्षों के अपने रचना कर्म में प्राणेश कुमार ने उत्पीड़न, शोषण, गरीबी, भूखमरी और सरकारी तंत्र के दुरुपयोग के खिलाफ अपनी कविताओं में जन आंदोलनों की वकालत की। पेंशनर सुखदेव प्रसाद और राधे श्याम ने उन्हें महान रचनाकार बताया।
युवा खोरठा कवि संजीत कुमार ने कहा कि "कवि होना एक बात है, लेकिन जनता की आवाज बनना असाधारण बात है। उनके सहकर्मी पुरन पासवान ने भावुक होकर उन्हें विशिष्ट रचनाकार और मर्मज्ञ बताया। कवि, चित्रकार और गायक राज प्रांजल ने उन्हें जनसंघर्ष से उपजा कवि कहा। पेंशनर धर्मेंद्र गुप्ता ने कहा कि "कवि का जीवन व्यक्तिगत नहीं, बल्कि सार्वजनिक होता है। अंत में, सभी रचनाकारों ने दिवंगत प्राणेश कुमार को श्रद्धांजलि देने के लिए एक मिनट का मौन रखा।
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