अभावों में उगी उम्मीद: अमन कुमार ने पिता के किताबों की दुकान से शुरू किया सफर, बना प्रशासनिक अफसर
अमन कुमार ने JPSC में हासिल की 22वीं रैंक
हजारीबाग: एक बार फिर गर्व से सर ऊँचा कर रहा है. शहर के बुढ़वा महादेव मंदिर के सामने छोटी-सी किताबों की दुकान चलाने वाले अनिल प्रसाद के बेटे अमन कुमार ने झारखंड सिविल सेवा (JPSC) परीक्षा 2023 में 22वीं रैंक हासिल कर यह साबित कर दिया कि जज़्बा हो तो सीमित साधन भी बड़ी उड़ान दे सकते हैं.
अमन की इस सफलता से उनके घर में उत्सव जैसा माहौल है. साधारण परिवार में जन्मे इस होनहार युवक ने कठिन परिस्थितियों के बावजूद अपने लक्ष्य को कभी आँखों से ओझल नहीं होने दिया.

घर की गृहिणी मां ने हमेशा बेटे के सपनों को सींचा — न शब्दों में, बल्कि अपने कामों से. “रात देर तक पढ़ता था तो मैं उसके लिए चाय बना देती थी. कुछ नहीं कहती, बस दुआ करती,” मां ने आंखें पोंछते हुए कहा.
अमन के चाचा नरेश प्रसाद बताते हैं कि वह शुरू से ही अनुशासित और पढ़ाई के प्रति गंभीर था. “हर सफलता की नींव बचपन में ही पड़ती है. अमन का समर्पण उसी का उदाहरण है.”
अमन खुद कहते हैं कि इस राह में कई बार कठिनाइयां आईं, लेकिन वह कभी डगमगाए नहीं. “मां-पापा की तपस्या और गुरुजनों का मार्गदर्शन मेरे लिए शक्ति बन गया. मैं इस सफलता को उन्हीं को समर्पित करता हूं.”
किताबों की दुकान से पढ़ाई शुरू करने वाला यह लड़का आज झारखंड प्रशासनिक सेवा का अधिकारी बनने जा रहा है. उसकी कहानी हर उस छात्र के लिए उम्मीद की किरण है, जो सीमित संसाधनों के बावजूद बड़ा सपना देखता है.
अमन की सफलता न सिर्फ हजारीबाग, बल्कि पूरे झारखंड को गौरव की अनुभूति करवा रही है यह बताने के लिए कि मेहनत, समर्पण और परिवार का साथ हो तो कोई भी मंज़िल दूर नहीं
सुजीत सिन्हा, 'समृद्ध झारखंड' की संपादकीय टीम के एक महत्वपूर्ण सदस्य हैं, जहाँ वे "सीनियर टेक्निकल एडिटर" और "न्यूज़ सब-एडिटर" के रूप में कार्यरत हैं। सुजीत झारखण्ड के गिरिडीह के रहने वालें हैं।
'समृद्ध झारखंड' के लिए वे मुख्य रूप से राजनीतिक और वैज्ञानिक हलचलों पर अपनी पैनी नजर रखते हैं और इन विषयों पर अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत करते हैं।
