हथियार छोड़ गांव में लहराया उम्मीद का जाल, ओमप्रकाश साहू बने मत्स्य पालन से मिसाल

नक्सल प्रभावित क्षेत्र से निकलकर 20 तालाबों में मछली पाल रहे हैं, पीएम मोदी ने की प्रशंसा

हथियार छोड़ गांव में लहराया उम्मीद का जाल, ओमप्रकाश साहू बने मत्स्य पालन से मिसाल
ओमप्रकाश साहू और अन्य ग्रामीण, तालाब के किनारे मछलियाँ पकड़ते

गुमला: हथियार छोड़ ओमप्रकाश साहू मछली पालन से जुड़े और अब सफल किसान बन गये हैं. पीएम मत्स्य संपदा योजना से जुड़कर ओमप्रकाश साहू आज 20 तालाबों का निर्माण कर मछली पालन कर रहे हैं उन्होंने अपने बसिया प्रखंड को दस साल पहले शांति सेना से जुड़कर पुलिस की मदद से गांव समेत आसपास के कई गांवों को भाकपा माओवादी, पीएलएफआइ और पहाड़ी चीता के आतंक से मुक्त कराया.

कुम्हारी गांव निवासी ओमप्रकाश साहू ने इस बीच मछली पालन से जुड़कर लोगों को रोजगार भी दे रहे जिससे गावं में पलायन कम हो गया है. उनके संघर्षों से प्रभावित होकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उनकी प्रशंसा की है मन की बात में पीएम मोदी ने ओमप्रकाश साहू से दूसरे किसानों को भी प्रेरणा लेकर आगे बढ़ने की सलाह दी है.

मछली पालन बना उम्मीद की नई बुनियाद, प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना का साथ  

ओमप्रकाश बताते हैं कि जितनी आय धान की खेती से नहीं होती है. उससे कहीं अधिक मत्स्य पालन कर आमदनी हो रही है. उनके अनुसार जिनके पास खुद का तालाब था. वे तो खेती कर ही रहे थे. परंतु जिनके पास तालाब नहीं था. ये सरकारी तालाबों को लीज लेकर प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना के माध्यम से मत्स्य पालन कर रहे है. उन्होंने बताया कि क्षेत्र के समग्र विकास के लिए बिना किसी भेदभाव का सामूहिक रूप से मिलकर मछली पालन के माध्यम से रोजगार का एक नया जरिया खोला है.

कभी डर के साए में जीते थे लोग, आज उसी गांव में मछलियों से पलता है भविष्य!

उन्होंने कहा एक दशक पहले इस क्षेत्र में नक्सलियों, उग्रवादियों और आपराधिक गिरोह का आतंक था. वर्चस्व की लाबाई में जमीवरों और आम नागरिकों को बेवजह हत्या कर दी जाती थी. स्थिति ऐसी थी कि लोग रात के अंधेरे की बात तो दूर दिन में भी अपने घरों से बाहर निकलने से डरते थे. परंतु परिस्थितियां बदली. 

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लोगों ने पुलिस के सहयोग से नक्सलियों व उग्रवादियों के खिलाफ बिगुल फूंका और फिर धीरे-धीरे सब कुछ सामान्य हो गयी. स्थितियां सामान्य होने के बाद यहां के लोगों के समक्ष सबसे बड़ी समस्या रोजगार की थी. ऐसे में ग्रामीणों का सबसे बड़ा सहारा बना केंद्र सरकार का प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना. इस योजना से जुड़कर ओमप्रकाश ने ग्रामीणों के सहयोग से मछली उत्पादन कर आय वृद्धि की है.

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Edited By: Sujit Sinha
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सुजीत सिन्हा, 'समृद्ध झारखंड' की संपादकीय टीम के एक महत्वपूर्ण सदस्य हैं, जहाँ वे "सीनियर टेक्निकल एडिटर" और "न्यूज़ सब-एडिटर" के रूप में कार्यरत हैं। सुजीत झारखण्ड के गिरिडीह के रहने वालें हैं।

'समृद्ध झारखंड' के लिए वे मुख्य रूप से राजनीतिक और वैज्ञानिक हलचलों पर अपनी पैनी नजर रखते हैं और इन विषयों पर अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत करते हैं।

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