नियोजन नीति व 1932 के खतियान को लेकर सीएम हेमंत के बयान पर पुतला दहन कार्यक्रम
दुमका : संताल परगना महाविद्यालय, दुमका के सामने संताल परगना छात्र समन्वय समिति, सिदो-कान्हू मुर्मू विश्वविद्यालय, दुमका के द्वारा सूबे के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन का पुतला दहन शुक्रवार को किया गया। प्रदर्शनकारियों के अनुसार, उन्होंने विधानसभा सत्र के दरमियान बयान में कहा है कि 1932 के खतियान आधारित नियोजन नीति नहीं बन सकती है। प्रदर्शनकारियों का कहना था कि साथ ही उन्होंने 5 लाख सरकारी नौकरी देने की वादा किया था लेकिन वादा को दरकिनार करके 5 लाख रोजगार देने की बात कर रहे हैं, जिससे हम बेरोजगार युवा आहत हैं।

झारखंड राज्य के सभी जिले में अंतिम सर्वे आफ सेटेलमेंट 1932 खतियान आधारित स्थानीयता नीति एवं नियोजन नीति अविलंब लागू किया जाए।
सरकारी एवं गैर सरकारी नौकरियों में 1932 खतियान आधारित तृतीय एवं चतुर्थ वर्ग के नौकरियों में 100 प्रतिशत आरक्षण दिया जाए।
संताली भाषा को राज्य का प्रथम राजभाषा का दर्जा दिया जाए।
झारखंड में भोजपुरी, मगही और अंगिका भाषा को स्थानीय भाषा में शामिल न किया जाए।
पांचवी अनुसूची क्षेत्र में पेसा कानून सख्ती से लागू किया जाए।
1932 के खतियान के आंदोलनकारी छात्र समन्वय समिति के छात्र नेता के धारा 188 व डीएम एक्ट के तहत दर्ज प्राथमिकी अविलंब वापस लिया जाए।
संताल परगना छात्र समन्वय समिति ने कहा है, झारखंड सरकार इन बिंदुओं पर यदि यथाशीघ्र पहल नहीं करती है तो हम लोगों का चरणबद्ध आंदोलन चलते रहेगा और हम आरपार लड़ाई सड़क से लेकर सदन तक लड़ेंगे। यदि फिर भी सरकार हमारी मांगे पूरी नहीं करती है तो राज्य में जेल भरो आंदोलन, सभी विधायकों का घर घेराव, अनिश्चितकालीन आर्थिक नाकाबंदी और आने वाले चुनाव में किसी भी राजनीतिक पार्टी के लोगों को गांव में घुसने नहीं दिया जाएगा।
उपस्थित छात्रों में श्यामदेव हेंब्रम, राजेंद्र मुर्मू, नथानियेल किस्कू, सुलीश सोरेन, रीतेश मुर्मू, बाबूधन टुडू, कुंदन रजक, शोमाय सोरेन, निलेश हेंब्रम, विमल कुमार टुडू, हरेन्द्र हेंब्रम, मुनीलाल हांसदा, ठाकुर हांसदा, अभिषेक कुमार, अशीस मरांडी, महेंद्र हांसदा, सुखदेव बेसरा, रैली किस्कू, परमेश्वर सोरेन, चिरंजीवी हेंब्रम, परवीन मुर्मू, चंद्रशेखर बेसरा, शीतल मुर्मू, अरविंद टू डू, रोहित दास, दिनेश टुडू, मंगल सोरेन, राकेश मुर्मू आदि शामिल थे।
