विधानसभा चुनाव: कोल्हान में दो पूर्व सीएम के चक्रव्यू में फंस सकते हैं कल्याण मंत्री दीपक बिरुआ
दीपक बिरुआ के सामने अन्दर बाहर की साजिश को नाकाम करना बड़ी चुनौती
2024 में होने वाली विधानसभा चुनाव दिलचस्प होता जा रहा है. कोल्हान में इस बार का परिणाम किस करवट लेगी यह तो परिणाम आने के बाद ही पता चलेगा लेकिन इस बार के विधानसभा चुनाव में कोल्हान में भारतीय जनता पार्टी को जीत दिलाने के लिए दो पूर्व मुख्यमंत्री चंपाई सोरेन व मधु कोड़ा पुरी तरह रणनिती तैयार कर रखा है.
चाईबासा: 2024 में होने वाली विधानसभा चुनाव दिलचस्प होता जा रहा है. कोल्हान में इस बार का परिणाम किस करवट लेगी यह तो परिणाम आने के बाद ही पता चलेगा लेकिन इस बार के विधानसभा चुनाव में कोल्हान में भारतीय जनता पार्टी को जीत दिलाने के लिए दो पूर्व मुख्यमंत्री चंपाई सोरेन व मधु कोड़ा पुरी तरह रणनिती तैयार कर रखा है. वैसे भी पूर्व मुख्यमंत्री मधु कोड़ा के विकास कार्यों से कोल्हान की जनता कायल है तो दूसरी ओर झामुमो का मजबूत पीलर कहे जाने वाला कोल्हान टाईगर अब भाजपा के साथ है और पांच माह के छोटे से कार्यकाल में अपनी अमिट छाप जनता के बीच छोड़ रखा है. अब देखने वाली बात होगी कि कौन किसका विजय रथ रोकने में सफल हो पायेगा.
झारखंड सरकार के कैबिनेट मंत्री दीपक बिरुआ को चौथी बार विधानसभा में पहुंचने से रोकने की रणनीति दो पूर्व मुख्यमंत्री मधु कोड़ा और चंपई सोरेन के द्वारा तैयार किए जाने की चर्चा जोरों पर है. कोल्हान टाईगर चंपाई सोरेन का भाजपा में शामिल होने के बाद से कोल्हान में खास कर सरायकेला विधानसभा में सक्रियता को चंपई सोरेन ने काफ़ी गंभीरता से लिया है. वहीं, कोड़ा दम्पत्ति अपने लोकसभा हार का बदला लेने के लिए सारे हथकंडे अपनाते नजर आ रहे हैं. ऐसे तो बिरुआ और कोड़ा का राजनितिक रूप से छत्तीस का रिश्ता रहा है, यह जग जाहिर है. सबसे बड़ी ख़बर यह है कि मंत्री के खिलाफ साजिश में अपने ही पार्टी के लोगों की भी भूमिका बताई जा रही है, ऐसे में मंत्री को बाहरी साजिश को नाकाम करने के साथ साथ अपने लोगो पर भी नजर रखने की बड़ी चुनौती है.
राजनितिक पंडितों का मानना है कि मंत्री दीपक बिरुआ के राजनितिक कद बढ़ने से जेएमएम के बड़े नेता के पेट में दर्द होना स्वाभाविक है, इसलिए कि सीनियर लीडर होने के बाद कभी भी पार्टी में मुख्यमंत्री का चेहरा बन सकते हैं. यूं कहा जा सकता है कि राजनीति में कभी भी लॉटरी लग सकता है, जैसे कि चंपाई सोरेन को लौटरी में जैकपोट के रूप में मुख्यमंत्री का कुर्सी मिल गया. आज के समय में मंत्री बिरुआ के पास बड़ी बड़ी चुनौती है, एक तरफ पार्टी में भरोसा बनाए रखना, चंपाई सोरेन को सरायकेला में रोकना साथ ही पार्टी के अन्दर और बाहर की साजिश को नाकाम करना है.
कोड़ा सूत्रों की माने तो जगन्नाथपुर विधानसभा और सदर विधानसभा क्षेत्र में सोना और दीपक को हराना एक मात्र उद्देश्य है, उसके बाद ही किसी और विधानसभा में फोकस किया जायेगा. सिंहभुम जिला में कांग्रेस पार्टी के नेता कार्यकर्ता महागठबंधन प्रत्याशी दीपक बिरुआ को कितना मदद पहुंचा सकती है, इस पर भी कोड़ा दम्पत्ति की नज़र बनी हुई है. सूत्रों की माने तो कांग्रेस पार्टी के एक मात्र विधायक सोनाराम सिंकु की पुरी टीम महागठबंधन के प्रत्याशी को जिताने की बड़ी भूमिका निभा सकते हैं, विशेष कर जिला के सभी जेएमएम के विधायकों में से दीपक बिरुआ के साथ सोना राम सिंकु का सम्बद्ध काफ़ी अच्छे हैं. कोड़ा दम्पत्ति से अलग होने के बाद से दीपक और सोना में घनिष्ठता बढ़ा है. दीपक बिरूआ का चौथी बार विधायक बनना ऐतिहासिक माना जा सकता है,लेकिन दो पूर्व मुख्यमंत्री के साजिश और षड्यंत्र को तोड़ने में सफल होने के बाद ही.