politics of water
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साक्षात्कार: पिछले दो दशक से राइट टू फूड पर काम कर रहे सामाजिक कार्यकर्ता जेम्स हेरेंज से खास बातचीत
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By Devendra Kumar
जमीन पर बदलाव तो दिख रहा है, पिछले पांच वर्षों में भूख से मौत की कोई खबर सामने नहीं आयी, इसका सबसे बड़ा कारण सभी जरुरतमंदों के हाथ में राशन कार्ड का होना है. जिस तरीके से हेमंत सरकार में करीबन 52 लाख पीएच, 9 लाख अंत्योदय और 5 लाख ग्रीन राशन कार्ड बनाया गया, उसका असर जमीन पर भी देखने को मिला. कमसे कम इस मोर्चे पर तो सरकार सफल दिख रही है 