मैट्रीमोनियल वेबसाइट के ज़रिए विधवा महिला से लाखों की ठगी, AI वीडियो कॉल से झांसा
दिल्ली: एक महिला के साथ हुए एआई वीडियो कॉल स्कैम का मामला सामने आया है, जिसमें एक जालसाज ने खुद को विदेशी बताकर शादी का झांसा देकर लाखों रुपये ठग लिए। ठगी के लिए आरोपी ने कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI) की मदद से खुद को लंदन का निवासी बताया और अलग–अलग बहानों से महिला से करीब 9.50 लाख रुपये ऐंठे। इस खबर में जानिए पूरा मामला, पुलिस की जांच और जरूरी सावधानियां.
पूरा मामला: कैसे हुई ठगी?

ऐसे ठगे गए पैसे
अलग-अलग बहानों के तहत क्लिनिक के खर्च, वीजा दिक्कत, परिवार के एक्सीडेंट, इलाज, वकील की फीस और भारत आने के टिकट आदि के लिए 9.50 लाख रुपये मांगे गए। महिला ने पैसे भेज दिए। बाद में जब आरोपी ने अपने सभी संपर्क बंद कर दिए तो महिला को समझ आया कि वह धोखा खा चुकी हैं, जिसके बाद उन्होंने नैशनल साइबर क्राइम पोर्टल पर शिकायत दर्ज करवाई.
AI और विदेशी पहचान का इस्तेमाल
महिला कभी असल में उस व्यक्ति से नहीं मिली थीं और उनके अनुसार कॉल पर सब बातचीत होती थी। आरोपी ने AI तकनीक से खुद को विदेश में दिखाया। पुलिस के अनुसार, 13 मई से 19 सितंबर 2025 के बीच लगातार रकम ट्रांसफर होती रही। 20 सितंबर के बाद आरोपी ने संपर्क पूरी तरह से बंद कर दिया.
पुलिस जांच एवं आरोपी की स्थिति
पुलिस ने धोखाधड़ी सहित संबंधित धाराओं में मामला दर्ज कर लिया है और छानबीन जारी है। शुरुआती जांच में शक जताया गया है कि आरोपी वास्तव में विदेश में नहीं बल्कि भारत के अंदर ही है। डिजिटल सबूतों के आधार पर पुलिस अपनी जांच आगे बढ़ा रही है.
साथ ही: दिल्ली में पटाखों की अवैध बिक्री पर कार्रवाई
दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच ने मुकुंदपुर इलाके में रेड डालकर चोरी-छुपे पटाखे बेच रहे दुकानदार को गिरफ्तार किया। 52 वर्षीय आरोपी राधा रमन की दुकान से 122.380 किलो अवैध पटाखे बरामद किए गए। आरोपी के खिलाफ सरकारी आदेश उल्लंघन, एक्सप्लोसिव एक्ट समेत कानूनी धाराओं में केस दर्ज कर पूछताछ जारी है.
जरूरी सावधानी
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ऑनलाइन किसी अनजान व्यक्ति से शादी या वित्तीय लेन-देन के मामलों में बेहद सतर्क रहें.
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विदेशी पहचान वाले कॉल/मैसेज पर आँख बंद कर भरोसा न करें.
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महत्वपूर्ण लेन-देन के पहले पुलिस या साइबर विशेषज्ञ से सलाह लें.
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तुरंत कोई शक या धोखे की स्थिति में साइबर पोर्टल पर शिकायत दर्ज करें.
इस तरह के मामलों से बचने के लिए हर जानकारी और दस्तावेज़ की जांच-पड़ताल करना जरूरी है।
संबंधित अधिकारी और पुलिस समय-समय पर लोगों को ऑनलाइन फ्रॉड से बचने की सलाह भी देते हैं
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