एयर इंडिया फ्लाइट हादसा: यात्रियों के परिजनों ने अमेरिकी कोर्ट में किया मुकदमा दायर, लगे गंभीर आरोप
अब मृतक परिवारों ने विमान निर्माताओं पर कसा शिकंजा
नई दिल्ली: 12 जून 2025 को अहमदाबाद एयरपोर्ट से लंदन के लिए उड़ान भरने वाली एयर इंडिया की फ्लाइट AI 171 के दुर्घटनाग्रस्त होने से जुड़ा है, जिसमें 241 यात्रियों और 19 ज़मीन पर मौजूद लोगों की मौत हो गई थी। इस भीषण हादसे में मारे गए चार यात्रियों के परिवारों ने अब अमेरिकी कोर्ट में विमान निर्माता बोइंग और इसके पार्ट्स निर्माता हनीवेल के खिलाफ मुकदमा दायर किया है, जिसमें कंपनियों पर लापरवाही और डिफेक्टिव फ्यूल कट-ऑफ स्विच के चलते हादसा होने का आरोप लगाया गया है.
हादसे की पूरी जानकारी
- यह फ्लाइट बोइंग 787-8 ड्रीमलाइनर विमान थी, जो अहमदाबाद हवाई अड्डे से टेक ऑफ के कुछ ही सेकंड बाद दुर्घटनाग्रस्त हो गई थी।

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हादसे में ज़िंदा बचने वाला सिर्फ एक यात्री था.
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मरने वालों में 4 पीड़ितों के नाम हैं - कांताबेन धीरूभाई पघदल, नाव्या चिराग पघदल, कुबेरभाई पटेल और बेबीबेन पटेल.
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हादसे के समय क्रू मेंबर्स और पीड़ितों के परिवारों ने कंपनियों पर दोषी होने के गंभीर आरोप लगाए हैं.
मुकदमे की जानकारी और आरोप
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चार परिवारों ने अपने वकील ‘द लैनियर लॉ फर्म’ के ज़रिए अमेरिका की डेलावेयर सुपीरियर कोर्ट में मुकदमा किया।
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आरोप है कि विमान का फ्यूल कंट्रोल स्विच, जो हनीवेल ने बनाया और बोइंग ने इंस्टॉल किया उसकी खराबी के कारण इंजन के ईंधन की सप्लाई अचानक बंद हो गई, जिससे टेक ऑफ के तुरंत बाद विमान ने thrust खो दिया और हादसा हुआ.
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2018 में FAA (अमेरिकन एविएशन रेगुलेटर) ने बोइंग विमानों के फ्यूल स्विच की जांच के लिए चेताया था, लेकिन कंपनियों ने सलाह को गंभीरता से नहीं लिया ऐसा दावा भी याचिका में है.
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मृतकों के परिवार कंपनियों से क्षतिपूर्ति (compensation) और दण्डात्मक हर्जाना (punitive damages) मांग रहे हैं.
जांच और अन्य पहलू
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भारतीय विमानन मंत्रालय और विमान दुर्घटना जांच ब्यूरो (AAIB/AIIB) द्वारा जारी प्राथमिक रिपोर्ट में भी बताया गया कि फ्यूल कट-ऑफ स्विच अचानक ‘RUN’ से ‘CUTOFF’ पोजिशन में आ गया था, जिससे दुर्घटना हुई.
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पायलट के परिवार ने भी पारदर्शी, नई और निष्पक्ष जांच की मांग की है, क्योंकि प्रारंभिक जांच में मानव त्रुटि को प्रमुख कारण बताया जा रहा था.
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कोर्ट में दाखिल दस्तावेज़ों के अनुसार, यह पहली अमेरिकी अदालती याचिका है जो इस हादसे को लेकर दायर हुई.
सुरक्षा और जवाबदेही के सवाल
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इस मुकदमे से विमान निर्माता कंपनियों की ज़िम्मेदारी, पुरानी तकनीकी खामियों की अनदेखी और सुरक्षा आदेशों की अनदेखी की गहराई से जांच की मांग उठ रही है।
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पीड़ितों के वकीलों की मांग है कि दोषियों को सज़ा दी जाए और पीड़ित परिवारों को वाजिब न्याय और उचित मुआवजा मिले
(नोट: इस आर्टिकल में प्रस्तुत सामग्री मीडिया रिपोर्ट और आधिकारिक स्रोतों पर आधारित है।)
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