दिसंबर में भारत में आएंगे 8-10 नए चीते, जानिए कहां से और कहां रहेंगे ये दिग्गज शिकारियाँ!
विदेशी और देशी चीते करेंगे जंगल में धमाल!
नई दिल्ली: भारत में दिसंबर 2025 तक 8-10 नए चीतों का एक और जत्था आने वाला है, जो मुख्य रूप से बोत्सवाना या नामीबिया से लाया जाएगा। सरकार इन दोनों देशों के साथ चर्चा कर रही है, और इसके बाद 2026 में केन्या से भी इतने ही चीतों के आने की संभावना है। यह कदम देश में चीता पुनर्वास परियोजना को आगे बढ़ाने के लिए उठाया गया है, जिसमें अब कुल चार प्रमुख चीता लैंडस्केप विकसित किए जा रहे हैं—कुनो राष्ट्रीय उद्यान (मध्य प्रदेश), गांधीसागर वन्यजीव अभयारण्य (मध्य प्रदेश), नौरादेही वन्यजीव अभयारण्य (मध्य प्रदेश) और बन्नी घास मैदान (गुजरात).
नई चीता खेप: कहां से और क्यों?
- दिसंबर 2025 में बोत्सवाना या नामीबिया से 8-10 चीते भारत भेजे जाएंगे।

इन दोनों देशों का चयन इसलिए किया गया कि भारत ने दक्षिणी अफ्रीकी पारिस्थितिकी के चीतों को पहले दो चरणों में भी सफलतापूर्वक अनुकूलित किया है।
2026 में केन्या से भी नए चीते लाने की योजना है, जिससे भारतीय चीता आबादी की विविधता बढ़ेगी।
सरकार का चयन और तैयारी
भारत सरकार बोत्सवाना, नामीबिया और केन्या तीनों के साथ वार्ता कर रही है, जिनमें बोत्सवाना व नामीबिया प्राथमिकता में हैं।
पुनर्वास के लिए नौरादेही अभयारण्य और बन्नी घास का मैदान नए ‘लैंडस्केप’ के रूप में तैयार किए जा रहे हैं।
वर्तमान में सबसे मुख्य स्थल कुनो नेशनल पार्क और गांधीसागर हैं, जहां चीते पहले से बसाए जा चुके हैं।
नए चीतों को कहां रखा जाएगा?
नए चीतों को या तो कुनो या गांधीसागर, या दोनों ही जगह बसाया जा सकता है।
बन्नी घास का मैदान केन्या से अगले वर्ष आने वाले चीतों के लिए तैयार किया जा रहा है।
अब तक भारत में 27 चीते हैं—कुनो में 24 और गांधीसागर में 3।
इनमें 11 (छह मादा, पांच नर) विदेश से आए हैं (2022 व 2023 के जत्थे), जबकि 16 भारत में जन्मे हैं।
अभयारण्य में चीते: विस्तार और अवस्था
कुनो के 27 में से 15 चीते अब स्वतंत्र रूप से घूम रहे हैं, यानी वे बाड़ों तक सीमित नहीं हैं।
इन 15 में विदेशी भी हैं और भारत में जन्मे भी।
हाल में गांधीसागर में एक मादा चीता छोड़ी गई है, जहां से निकट भविष्य में शावक पैदा होने की भी संभावना है।
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