नेपाल में Gen-Z आंदोलन: नेपाल की राजनीति में भूचाल, अंतरिम सरकार गठन पर मंथन तेज
युवाओं ने कुलमान घिसिंग और सुशीला कार्की को आगे किया
काठमांडू: नेपाल में हाल ही के Gen-Z आंदोलन ने वहां की राजनीतिक स्थिरता को चुनौती दे दी है, जिससे राजनीतिक अस्थिरता की स्थिति उत्पन्न हो गई है। इसी के चलते अंतरिम सरकार के गठन पर गंभीर चर्चाएं शुरू हो गई हैं। नेपाली मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, नेपाली सेना, राष्ट्र राष्ट्रपति कार्यालय और युवा आंदोलनों के बीच बातचीत जारी है। सबसे प्रमुख नाम सामने आया है- कुलमान घिसिंग, जिनके नेतृत्व में अंतरिम सरकार बनने की संभावना को गहराई से परखा जा रहा है। वहीं, पूर्व मुख्य न्यायाधीश सुशीला कार्की के नेतृत्व की भी मांग सामने आई है।
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कुलमान घिसिंग: संभावित अंतरिम सरकार प्रमुख
मीडिया समूह कांतिपुर टीवी का हवाला देते हुए बताया गया है कि नेपाल के 'Gen-Z' समूह ने नेपाल विद्युत प्राधिकरण (NEA) के पूर्व कार्यकारी निदेशक कुलमान घिसिंग को देश की अंतरिम सरकार के नेतृत्व करने का प्रस्ताव दिया है। इस प्रस्ताव को लेकर नेपाल में बहस तेज हो गई है। घिसिंग की साख सार्वजनिक व्यवस्था व प्रशासन में उनकी ईमानदारी, कार्यक्षमता और भ्रष्टाचार विरोधी छवि की वजह से काफी मजबूत मानी जाती है।
सुशीला कार्की: महिला नेतृत्व की मांग
इसी बीच हिमालयन पोस्ट की रिपोर्ट के अनुसार, वरिष्ठ नेताओं और Gen-Z युवा संगठनों ने सुशीला कार्की को अंतरिम प्रधानमंत्री पद के लिए सर्वसम्मत उम्मीदवार बताया है। भारतीय राजनीति विशेषज्ञों के अनुसार, आज की परिस्थिति में यह निर्णय महिलाओं को नेतृत्व का अवसर देने की दिशा में अहम कदम हो सकता है। यदि सुशीला कार्की के नाम पर सहमति बनती है तो वह नेपाल की पहली महिला प्रधानमंत्री बनने वाली हैं। सुशीला कार्की जुलाई 2016 से जून 2017 तक नेपाल की पहली महिला मुख्य न्यायाधीश रही हैं, जिनकी छवि न्याय और ईमानदारी के लिए जानी जाती है।
बालेन शाह ने दिया समर्थन
मुख्य न्यायाधीश सुशीला कार्की के नाम पर काठमांडू के मेयर बालेन शाह ने भी समर्थन दिया है। सोशल मीडिया पर हुए पोस्ट में शाह ने लिखा है, "मैं पूर्व मुख्य न्यायाधीश सुशीला कार्की द्वारा इस अंतरिम सरकार का नेतृत्व करने के आपके प्रस्ताव को पूर्ण समर्थन करता हूं। मैं आपकी समाज, बुद्धिमत्ता और एकता के प्रति ईमानदारी से सम्मान करना चाहता हूं।" शाह ने आगे लिखा- "देश में नव चुनाव आयोग के गठन और राजनीतिक प्रणाली की स्थिरता के लिए सभी का जिम्मेदार होना आवश्यक है।"
विरोध प्रदर्शनों के चलते 31 मौतें
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक काठमांडू सहित नेपाल के अन्य शहरों में हिंसक विरोध प्रदर्शन के दौरान अब तक 31 लोगों की मौत हो गई है। स्थिति की गंभीरता को देखते हुए सेना प्रमुख, राष्ट्रपति कार्यालय और आंदोलनकारी संगठन प्रमुखों के बीच आपसी चर्चा की प्रक्रिया तेज हो गई है। बेसब्र युवा वहां अदल-बदल के साथ नव नेतृत्व की मांग कर रहे हैं, जो देश को आर्थिक, सामाजिक और राजनीतिक रूप से स्थिर बनाए। कुल मिलाकर नेपाल में बदलाव की इस लहर ने अंतरिम सरकार की मांग को सार्वजनिक विमर्श का केन्द्र बना दिया है।
आगे की राह
नेपाल में Gen-Z आंदोलन ने वहां की पारंपरिक राजनीति को चैलेंज करते हुए नेतृत्व, न्याय और महिला सशक्तिकरण की नई मांगें पेश की हैं। अंतरिम सरकार के गठन को लेकर कुलमान घिसिंग और सुशीला कार्की जैसे नामों पर सहमति बन रही है। इस घटना ने देश में युवाओं और महिला नेतृत्व की जरूरत को फिर से राष्ट्रीय विमर्श का विषय बना दिया है।
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