बगराम एयरबेस विवाद: ट्रंप ने तालिबान को दी चेतावनी, अफगानिस्तान में तनाव चरम पर
कहीं भी सौंपने को तैयार नहीं: तालिबान
नेशनल डेस्क: अमेरिका और तालिबान के बीच बगराम एयरबेस को लेकर तनाव चरम पर है। राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने खुली धमकी दी है कि यदि तालिबान ने यह रणनीतिक एयरबेस अमेरिका को नहीं सौंपा, तो 'खराब नतीजे' भुगतने होंगे। तालिबान ने जवाब देते हुए कहा है कि वह फिर से 20 साल तक युद्ध लड़ने के लिए तैयार है, लेकिन बगराम एयरबेस किसी भी सूरत में सौंपने को राजी नहीं है।
अमेरिकी प्रशासन की रणनीति

क्यों महत्वपूर्ण है बगराम एयरबेस?
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बगराम एयरबेस का निर्माण 1950 के दशक में सोवियत संघ ने किया था। यह अफगानिस्तान का सबसे बड़ा एयरबेस है, जो राजधानी काबुल के उत्तर में स्थित है।
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अमेरिका ने अफगानिस्तान पर हमला करने के साथ ही इस स्थान को अपनी सैन्य गतिविधियों का केंद्र बनाया।
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2012 के दौरान करीब एक लाख से ज्यादा अमेरिकी सैनिक यहां से गुजरे। इसे दुनिया के सबसे शक्तिशाली एयरबेस में गिना जाता है।
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यहां 11,800 फुट लंबा रनवे है, जहां आसानी से भारी बमवर्षक और कार्गो विमान आ-जा सकते हैं।
रणनीतिक और भौगोलिक महत्व
बगराम एयरबेस के जरिए यूरेशियाई क्षेत्र में आसानी से निगरानी की जा सकती है। ट्रंप के मुताबिक, यह चीन के परमाणु हथियार निर्माण स्थल से सिर्फ एक घंटे की दूरी पर स्थित है। जुलाई 2021 में तालिबान से समझौते के बाद अमेरिका ने बगराम एयरबेस खाली कर दिया था और अगस्त में सेना पूरी तरह से अफगानिस्तान से निकल गई थी। इसके बाद तालिबान ने इसे अपने नियंत्रण में ले लिया।
विशेषज्ञों की राय
विशेषज्ञों का कहना है कि बगराम एयरबेस का महत्व सिर्फ रणनीतिक ही नहीं, बल्कि अमेरिका की वैश्विक महत्वाकांक्षा का प्रतीक भी है। यदि अमेरिका इसे वापसी हासिल करता है तो वह चीन और ईरान जैसे विरोधी देशों के खिलाफ इसे इस्तेमाल कर सकता है।
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