एयरपोर्ट पर UAE विमान उतरते ही एयरफोर्स ने तुरंत प्लेन पर गिराया बम, 40 की मौत, कई घायल

कोलंबियाई भाड़े के सैनिक और UAE का विमान

एयरपोर्ट पर UAE विमान उतरते ही एयरफोर्स ने तुरंत प्लेन पर गिराया बम, 40 की मौत, कई घायल
(एडिटेड इमेज)

न्याला, सूडान: सूडान में पिछले कई महीनों से जारी खूनी संघर्ष ने एक और भयावह मोड़ ले लिया है। देश की सेना और रैपिड सपोर्ट फोर्सेज (RSF) के बीच चल रही जंग अब न्याला शहर के प्रमुख हवाई अड्डे तक पहुंच गई है। सूत्रों के मुताबिक, सूडान एयरफोर्स ने दक्षिणी दारफुर स्थित न्याला एयरपोर्ट पर एक भीषण हवाई हमला किया, जिसमें संयुक्त अरब अमीरात (UAE) का एक मालवाहक विमान पूरी तरह से जलकर खाक हो गया। इस हमले में अब तक 40 से अधिक लोगों के मारे जाने की खबर है, जबकि बड़ी संख्या में लोग घायल हुए हैं।

यह हमला सूडान के दो सबसे शक्तिशाली गुटों के बीच जारी संघर्ष की तीव्रता को दर्शाता है। एक तरफ सूडान की सशस्त्र सेना (SAF) है, जिसकी अगुवाई जनरल अब्देल फत्ताह अल-बुरहान कर रहे हैं, तो दूसरी तरफ अर्धसैनिक बल रैपिड सपोर्ट फोर्सेज (RSF) है, जिसका नेतृत्व जनरल मोहम्मद हमदान डगलो कर रहे हैं। इन दोनों गुटों के बीच वर्चस्व की लड़ाई ने पूरे देश को अराजकता और विनाश के गर्त में धकेल दिया है।

क्या है पूरा मामला:

स्थानीय चश्मदीदों और बचाव दल के सदस्यों के अनुसार, सूडान एयरफोर्स के लड़ाकू विमानों ने न्याला एयरपोर्ट पर कई हवाई हमले किए। ये हमले तब हुए जब एयरपोर्ट पर RSF के लड़ाकों की मौजूदगी की सूचना मिली थी। हमले का मुख्य निशाना यूएई का वह विमान था, जिस पर RSF के लड़ाके कब्जा जमाए बैठे थे। हवाई हमले की भीषणता इतनी अधिक थी कि विमान में तुरंत आग लग गई और वह पूरी तरह से जलकर राख हो गया।

इस हमले के दौरान, एयरपोर्ट पर मौजूद कई नागरिक और लड़ाके भी इसकी चपेट में आ गए। शुरुआती रिपोर्टों के अनुसार, करीब 40 लोग मारे गए हैं, जिनमें से ज्यादातर नागरिक बताए जा रहे हैं जो उस समय एयरपोर्ट के आसपास मौजूद थे। घायलों की संख्या भी काफी अधिक है और उन्हें इलाज के लिए न्याला के विभिन्न अस्पतालों में ले जाया जा रहा है। हालाँकि, युद्धग्रस्त स्थिति के कारण सटीक आंकड़ा जुटाना मुश्किल हो रहा है।

यह भी पढ़ें 5G Launch in Pakistan: 2026 तक शुरू होंगी सेवाएं, नई कंपनियों को एंट्री आसान

हमले के पीछे का कारण:

यह हमला कोई सामान्य घटना नहीं है, बल्कि यह सूडान में जारी युद्ध की एक नई रणनीति का हिस्सा है। न्याला एयरपोर्ट पर लंबे समय से RSF का नियंत्रण था। इस नियंत्रण के जरिए RSF बाहरी दुनिया से हथियार और रसद की आपूर्ति प्राप्त कर रहा था। सूडान सेना (SAF) के लिए यह एक बड़ी चुनौती थी, क्योंकि RSF की बढ़ती ताकत को रोकने के लिए ऐसे महत्वपूर्ण ठिकानों पर हमला करना जरूरी था।

यह भी पढ़ें नोबेल शांति पुरस्कार विजेता नरगिस मोहम्मदी फिर गिरफ्तार, हिरासत से पहले मारपीट के आरोप

पिछले कुछ समय से, SAF और RSF दोनों ही एक-दूसरे के नियंत्रण वाले इलाकों पर कब्जा करने के लिए एड़ी-चोटी का जोर लगा रहे हैं। न्याला शहर, जो दारफुर का एक प्रमुख केंद्र है, दोनों गुटों के लिए रणनीतिक रूप से बहुत महत्वपूर्ण है। इस शहर पर नियंत्रण का मतलब है कि उस क्षेत्र के संसाधनों और प्रमुख मार्गों पर नियंत्रण। इस हवाई हमले के जरिए SAF ने न केवल RSF को भारी नुकसान पहुंचाया है, बल्कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी एक कड़ा संदेश दिया है कि वह अपनी संप्रभुता और नियंत्रण को फिर से स्थापित करने के लिए किसी भी हद तक जा सकती है।

अंतरराष्ट्रीय प्रतिक्रिया और मानवीय संकट:

इस हमले ने एक बार फिर सूडान में चल रहे मानवीय संकट को उजागर किया है। संयुक्त राष्ट्र और अन्य अंतरराष्ट्रीय संस्थाएं लंबे समय से सूडान में युद्धविराम और शांति बहाली की अपील कर रही हैं, लेकिन दोनों गुटों में से कोई भी झुकने को तैयार नहीं है। इस तरह के हमले नागरिकों के लिए और भी खतरनाक स्थिति पैदा कर देते हैं, क्योंकि उन्हें न तो सुरक्षित रहने के लिए जगह मिल पा रही है और न ही आवश्यक सहायता।

संयुक्त अरब अमीरात (UAE) के विमान को निशाना बनाए जाने पर अंतरराष्ट्रीय समुदाय की प्रतिक्रिया भी महत्वपूर्ण होगी। UAE, जो सूडान में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता रहा है, इस घटना पर अपनी प्रतिक्रिया जरूर देगा। इस तरह के हमले भविष्य में अंतरराष्ट्रीय सहायता और आपूर्ति को भी प्रभावित कर सकते हैं, जिससे सूडान में मानवीय स्थिति और भी बिगड़ सकती है।

सूडान में जारी युद्ध की पृष्ठभूमि:

सूडान में यह संघर्ष अप्रैल 2023 में शुरू हुआ था, जब SAF और RSF के बीच सत्ता संघर्ष चरम पर पहुंच गया था। दोनों गुट पहले एक ही सैन्य सरकार का हिस्सा थे, लेकिन सत्ता हस्तांतरण और सैन्य ढांचे के एकीकरण को लेकर उनमें मतभेद हो गए। इन मतभेदों ने जल्द ही एक बड़े युद्ध का रूप ले लिया, जिसने पूरे देश को हिंसा, भुखमरी और विस्थापन की चपेट में ले लिया है।

आज तक, इस संघर्ष में हजारों लोग मारे जा चुके हैं और लाखों लोग विस्थापित होकर पड़ोसी देशों में शरण लेने को मजबूर हुए हैं। देश की अर्थव्यवस्था पूरी तरह से चरमरा गई है और आवश्यक सेवाओं, जैसे कि स्वास्थ्य सेवा और शिक्षा, का बुरा हाल है।

Edited By: Sujit Sinha
Sujit Sinha Picture

सुजीत सिन्हा, 'समृद्ध झारखंड' की संपादकीय टीम के एक महत्वपूर्ण सदस्य हैं, जहाँ वे "सीनियर टेक्निकल एडिटर" और "न्यूज़ सब-एडिटर" के रूप में कार्यरत हैं। सुजीत झारखण्ड के गिरिडीह के रहने वालें हैं।

'समृद्ध झारखंड' के लिए वे मुख्य रूप से राजनीतिक और वैज्ञानिक हलचलों पर अपनी पैनी नजर रखते हैं और इन विषयों पर अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत करते हैं।

Latest News

धनबाद में धान अधिप्राप्ति का शुभारंभ, किसानों को ₹2450 प्रति क्विंटल MSP धनबाद में धान अधिप्राप्ति का शुभारंभ, किसानों को ₹2450 प्रति क्विंटल MSP
हजारीबाग में राजस्व कार्यशाला आयोजित, प्रमंडलीय आयुक्त पवन कुमार ने दिए अहम निर्देश
सांसद निशिकांत दुबे को बड़ी राहत, उच्च न्यायालय ने दर्ज प्राथमिकी की रद्द
जियोन झरना संथाल एसोसिएशन द्वारा आयोजित क्रिसमस मिलन समारोह में शामिल हुए सांसद और विधायक
कुलेश भंडारी के नेतृत्व में पाहाड़िया गांवों में मजबूत हो रहा वाइल्ड फूड फॉरेस्ट अभियान
जमुआ में धान अधिप्राप्ति केंद्र का उद्घाटन, किसानों से एमएसपी पर धान बेचने की अपील
बांके बिहारी मंदिर मामले में सुप्रीम कोर्ट सख्त, कमेटी, यूपी सरकार और एमवीडीए को नोटिस
Chaibasa News: ट्रैक्टर से कुचलकर युवक की मौत, गांव में आक्रोश
उड़ान आईएएस एकेडमी में हिंदी साहित्य भारती की महत्वपूर्ण बैठक आयोजित
गिरिडीह से कोलकाता–पटना समेत प्रमुख शहरों के लिए सीधी रेल सेवा की मांग, चैंबर ऑफ कॉमर्स का प्रतिनिधिमंडल दिल्ली रवाना
Giridih News : पचम्बा में मामूली विवाद के बाद पंच की बैठक में भिड़े दो पक्ष, जमकर हुई ईंट-पत्थरबाजी
Giridih News :बादीडीह में अनियंत्रित हाइवा की टक्कर से वृद्ध की मौत, आक्रोशित ग्रामीणों ने शव रखकर किया सड़क जाम