दुमका : विधायक सीता सोरेन ने सीएम हेमंत व डीसी राजेश्वरी को किया सतर्क, कहा – चुनाव के पहले करायें कार्य
दुमका : दुमका के जामा से विधायक सीता सोरेन ने विकास कार्याें को लेकर मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन व दुमका की उपायुक्त राजेश्वरी बी को सतर्क किया है और इसे ससमय पूरा कराने की मांग की है. उन्होंने कहा है कि ऐसा नहीं किए जाने पर ग्रामीणों को दुमका विधानसभा उपचुनाव में वोट नहीं डालने के लिए भड़काया जा सकता है और लोकतंत्र में वोट नहीं डालना अच्छी बात नहीं होती है.
विधायक सीता सोरेन ने अखबार की खबरों के कुछ कतरनों को अपने ट्विटर एकाउंट पर पोस्ट करते हुए लिखा है कि उपचुनाव को देखते हुए राजनैतिक रूप से लोगों को भड़काया जा रहा है। उन्होंने दुमका की उपायुक्त से आग्रह किया कि चुनाव के दिन वोट का बहिष्कार नहीं हो इसके लिए इस मामले को संज्ञान में लिया जाए. उन्होंने कहा है कि ग्रामीणों के बीच जाकर उनकी समस्याओं का निराकरण किया जाए, लोकतंत्र में वोट का बहिष्कार होना दुर्भाग्य की बात है.
उपचुनाव देखते हुए राजनीतिक रूप से लोगों को भड़काया जा रहा है @DumkaDc चुनाव के दिन वोट बहिष्कार ना हो उससे पहले संज्ञान लिया जाए।
ग्रामीणों के बीच जाकर गंभीरता पूर्वक मसले को हल किया जाए लोकतंत्र में वोट बहिष्कार होना दुर्भाग्य की बात है। @HemantSorenJMM @ECISVEEP @ceojharkhand pic.twitter.com/dM1Ljd4d00— Sita Soren (@SitaSorenMLA) September 18, 2020
झारखंड मुक्ति मोर्चा से विधायक सीता सोरेने ने अपने ट्वीट को मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन व दुमका की डीसी राजेश्वरी बी के साथ चुनाव आयोग और झारखंड के मुख्य निर्वाची पदाधिकारी के कार्यालय को भी टैग किया है.
क्या है मामला?
सीता सोरेन ने मुख्यमंत्री व डीसी का जिस मामले की ओर ध्यान आकृष्ट किया है, वह दुमका जिले के मसलिया प्रखंड की रानीघाधर पंचायत के केशोरायडीह गांव का मामला है. गांव मुख्य मार्ग से दो किलोमीटर लंबी कच्ची सड़क से जुड़ा है. इससे लोगों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है. बारिश में मौसम में लोगों की परेशानी बढ जाती है. ग्रामीणों ने पिछले दिनों बैठक कर कहा कि हर चुनाव में नेता लोग विकास व निर्माण कार्य कराने की बात करते है, लेकिन बाद में वे इसे भूल जाते हैं. ग्रामीणों ने यह भी कहा कि अगर सड़क नहीं बनी तो वे आगामी उपचुनाव में वोट नही देंगे. इससे संबंधित खबर को समृद्ध झारखंड ने भी प्रमुखता से प्रकाशित किया था.
विधायक सीता सोरेन ऐसे में चाहती हैं कि इस गांव की आवश्यक बुनियादी जरूरतें पूरी की जाएं, ताकि लोकतंत्र में जनता की सबसे बड़ी ताकत वोट का बहिष्कार नहीं हो और उसके लिए उन्हें कोई उकसाए नहीं.
संबंधित खबर नीचे के लिंक पर पढें :