बिहार चुनाव 2020 : क्रिमिनल केस वाले विधायकों की संख्या में वृद्धि, 51% पर गंभीर आपारधिक मामले
पटना : बिहार विधानसभा चुनाव 2020 में चुने गए विधायकों ने आपराधिक मामले वाले विधायकों की संख्या विधानसभा में बढ गयी है. चुनाव सुधार पर काम करने वाली संस्था एडीआर ने 243 चुने गए विधायकों में 241 विधायकों के रिकार्ड का विश्लेषण किया जिसमें 163 नव निर्वाचित विधायकों पर आपराधिक मामले हैं। यह संख्या 68 प्रतिशत है, जो 2015 में चुने आपराधिक आरोप वाले विधायकों की संख्या से अधिक है. 2015 में 142 विधायक आपराधिक रिकार्ड वाले चुने गए थे जो कुल संख्या का 58 प्रतिशत होता है.

19 नवनिर्वाचित विधायकों पर आइपीसी की धारा 302 के तहत हत्या का मामला दर्ज है. 31 नवनिर्वाचित विधायकों पर हत्या के प्रयास का मामला दर्ज है.
अगर पार्टी के अनुसार इस आंकड़े को देखें तो राजद के 74 विधायकों में 54 यानी 73 प्रतिशत पर आपराधिक मामले हैं, भाजपा के चुने गए 73 विधायकों में 47 यानी 64 प्रतिशत पर आपराधिक आरोप हैं. जदयू के चुने गए 53 विधायकों में 10 यानी 83 प्रतिशत पर आपराधिक आरोप हैं.
वहीं, कांग्रेस के चुने गए 19 में से 16 यानी 84 प्रतिशत पर आपराधिक आरोप हैं. सीपीआइ माले के चुने गए 12 में 10 विधायकों पर आपराधिक आरोप हैं. असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी एमआइएम के चुने गए पांच में पांच यानी 100 प्रतिशत पर उनके हलफनामे के अनुसार, आपराधिक आरोप हैं.
अगर गंभीर आपराधिक आरोप की बात करें तो राजद के 44 यानी 60 प्रतिशत पर आपराधिक आरोप हैं. भाजपा के 35 यानी 48 प्रतिशत विधायकों पर गंभीर आपराधिक आरोप हैं. जदयू के 11 यानी 26 प्रतिशत विधायकों पर गंभीर आपराधिक आरोप हैं, कांग्रेस के 11 यानी 58 प्रतिशत, सीपीआइ माले के आठ यानी 67 प्रतिशत व एमआइएम के सभी पांच यानी 100 विधायकों पर गंभीर आपराधिक आरोप हैं. ये आंकड़े उनके हलफनामे पर आधारित हैं.
नवनिर्वाचित विधायकों की आर्थिक स्थिति
इस बार चुने गए बिहार के विधायकों में करोडप्ति विधायकों की संख्या बढ गयी है. 2015 में 67 प्रतिशत विधायक करोड़पति थे, जबकि 2020 में चुने गए विधायकों में 81 प्रतिशत करोडपति हैं. वीआइपी के सभी चुने गए विधायक करोड़पति हैं, लोजपा के चुने गए एकमात्र विधायक भी करोड़पति हैं, सभी निर्दलीय विधायक भी करोड़पति हैं, भाजपा के 89 प्रतिशत विधायक करोड़पति हैं, जदयू के 88 प्रतिशत व राजद के 87 प्रतिशत विधायक करोड़पति हैं. कांग्रेस के 74 प्रतिशत, एमआइएम के 60 प्रतिशत, सीपीआइ एम के 50 प्रतिशत, सीपीआइ के 50 प्रतिशत, हम के 25 प्रतिशत व सीपीआइ एमएल के आठ प्रतिशत विधायक करोड़पति हैं.
