कहानी
जीवन शैली  साहित्य 

कहानी: गाली मुक्त गाँव

कहानी: गाली मुक्त गाँव जब कभी मैं गली, नुक्कड़, चौराहे, बाजार, ऑटो, बस, ट्रेन या किसी सरकारी व प्राइवेट ऑफिस में जाती हूँ तो हर जगह एक चीज कॉमन है जो है हर जगह कुछ लोगों के मुँह से माँ की गाली देना। ज़रा...
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रांची 

फ़िल्म को जीवंत बनाने के लिए कहानी का भी जीवंत होना ज़रूरी: प्रो. नवीन

फ़िल्म को जीवंत बनाने के लिए कहानी का भी जीवंत होना ज़रूरी: प्रो. नवीन रांची : रांची विश्वविद्यालय के पत्रकारिता एवं जनसंचार विभाग में एकदिवसीय डिजिटल फ़िल्म मेकिंग कार्यशाला का आयोजन किया गया। कार्यशाला में रिसोर्स पर्सन एपीजे इंस्टिट्यूट ऑफ जर्नलिज्म एवम मॉस कम्युनिकेशन, दिल्ली से आये प्राध्यापक राजीव पांडा व डॉ नवीन गौतम...
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